image: Doon Medical College Dr Shashank Saved Patient Life

देहरादून में ऐसे डॉक्टर भी हैं, मरीज को अपना खून देकर खुद किया ऑपरेशन, बच गई जान

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में तैनात सीनियर रेजिडेंट ऑर्थोपैडिक डॉक्टर शशांक सिंह इंसानियत की जीती जागती मिसाल हैं।
Nov 25 2022 2:11PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

यूँ तो हर डॉक्टर का यह फर्ज होता है कि पेशेंट की जान बचाएं मगर बावजूद उसके कई डॉक्टर्स साक्षात भगवान के रूप में पृथ्वी पर जन्म लेते हैं जो कि सदैव लोगों की जान बचाने के लिए तत्पर रहते हैं।

Doon Medical College Dr Shashank

आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे ही काबिल डॉक्टर से मिलवाने जा रहे हैं।उत्तराखंड के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में तैनात सीनियर रेजिडेंट ऑर्थोपैडिक डॉक्टर शशांक सिंह इंसानियत की जीती जागती मिसाल हैं। उन्होंने पहले मरीज को एक यूनिट खून दिया। इसके बाद जांघ की कई जगह से टूटी हड्डी का ऑपरेशन किया। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपैडिक डॉक्टर शशांक सिंह ने ऑपरेशन से पहले मरीज को खून देकर यह साबित किया कि इंसानियत आज भी जिंदा है। दरअसल बीती सात नवंबर को देहरादून निवासी 60 वर्षीय अवधेश गहरे गड्ढे में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आगे पढ़िए

उनकी छाती, हाथ और जांघ की हड्डी टूट गई। इलाज के लिए उन्हें दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। छाती, बाएं हाथ और जांघ की हड्डी में फ्रैक्चर होने से मरीज को तीन दिन आईसीयू में रखने के बाद हालत ठीक हो पाई। इसके बाद डॉक्टरों ने उनकी जांघ की हड्डी का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। 23 नवंबर को ऑपरेशन होना था। लेकिन, खून की कमी होने से ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था। उन्हें दो यूनिट खून की जरूरत थी। मरीज की इकलौती बेटी खून देने के लिए तैयार थी लेकिन स्किन इन्फेक्शन से खून नहीं दे पाई। साथ ही मरीज के जानने वाले लोगों ने भी खून देने से मना कर दिया। इलाज करने वाले डॉक्टर शशांक सिंह को जब पता चला कि खून का इंतजाम नहीं हो रहा है तो खुद ही खून दिया और इसके बाद मरीज की जांघ की हड्डी का ऑपरेशन किया। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने डॉ. शशांक सिंह और उनकी टीम के इस प्रयास की सराहना की है।


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