उत्तराखंड में सभी जिलों के DFO पर लगा 10-10 हजार रुपये जुर्माना, कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
प्लास्टिक कचरे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। ऐसे मामलों में टालमटोल करने वाले सभी डीएफओ पर नैनीताल हाईकोर्ट ने 10-10 हजार का जुर्माना लगाया है।
Nov 25 2022 3:16PM, Writer:कोमल नेगी
प्लास्टिक हमारे पर्यावरण का दुश्मन है। इसके इस्तेमाल को रोकने के लिए तमाम अभियान चल रहे हैं।
10-10 thousand rupees fine on DFO of Uttarakhand
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन है, इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन लोग मान नहीं रहे। प्लास्टिक कचरे का निस्तारण भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। ऐसे मामलों में हीलहवाली करने वाले डीएफओ पर नैनीताल हाईकोर्ट ने 10-10 हजार का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट की इस बड़ी कार्रवाई के दायरे में प्रदेश के सभी डीएफओ आए हैं। यानि प्रदेश के सभी डीएफओ पर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई प्रदेश में प्लास्टिक कचरे के निस्तारण में टालमटोल करने और ग्राम पंचायतों का मानचित्र अपलोड नहीं करने पर की गई। जुर्माने की राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करनी होगी। हाईकोर्ट ने सभी प्रभागीय वनाधिकारियों की सूची भी कोर्ट में पेश करने को कहा है।
इतना ही नहीं कोर्ट ने सचिव पर्यावरण, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित कुमाऊं-गढ़वाल कमिश्नर से जवाब-तलब भी किया है। इन्हें 15 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से बुलाया गया है। कोर्ट ने आदेशों का पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई, और पूछा कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने इस मामले में सख्त दिशा-निर्देश जारी किए। कोर्ट ने कहा कि होटल, मॉल्स व पार्टी लॉन कारोबारी अपना कचरा खुद रिसाइक्लिंग करें और इसे प्लांट तक ले जाएं। सचिव शहरी विकास व निदेशक पंचायतीराज को इसको लागू कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलाधिकारियों से कहा गया कि वो सूची बनाएं और ये बताएं कि उनके जिले में कितनी प्लास्टिक पैकेजिंग की वस्तुएं आ रही हैं। साथ ही प्रमुख सचिव को पीसीबी के साथ मिलकर प्रदेश में आने वाली प्लास्टिक में बंद वस्तुओं का आंकलन कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।