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जोशीमठ में रहने लायक नहीं बचे 500 घर, नम आंखों से घर छोड़कर जा रहे हैं लोग

प्रभावित परिवारों में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। उधर चक्काजाम के चलते पर्यटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Jan 8 2023 1:12AM, Writer:कोमल नेगी

भूधंसाव से जूझ रहे जोशीमठ में दरकते पहाड़ों ने शहर को आपदा के मुहाने पर ला दिया है। लोगों की जिंदगी थम गई है, लेकिन सरकार की नींद नहीं टूट रही।

Joshimath Sinking People Leaving Home

डरे हुए लोग अब अपने घरों-परिवारों को बचाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर आज शहर में चक्का जाम है, बाजार भी बंद हैं। लोग सैकड़ों की तादाद में सड़क पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रभावित परिवारों में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। उधर चक्काजाम के चलते पर्यटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के विरोध प्रदर्शन के चलते औली रोड पर जाम लग गया। बुधवार को भी लोगों ने मशाल लेकर बदरीनाथ स्टैंड से मारवाड़ी चौक तक सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। आगे पढ़िए

कई लोग जान बचाने के लिए लिए अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। प्रशासन ने लोगों की मदद के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया है। प्रभावित लोग मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 8171748602 पर कॉल कर सकते हैं। शहर में स्थित ज्योतिर्मठ परिसर और लक्ष्मी नारायण मंदिर भी भूधंसाव की चपेट में है। सिंहधार वार्ड में होटल माउंट व्यू जमीन धंसने से तिरछा हो गया है। सोमवार रात को होटल की दीवारें चटकने की आवाज आने से इसके पीछे रहने वाले परिवार दहशत में आ गए थे। होटल को खाली करा दिया गया है। उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 घर रहने के लायक नहीं हैं। उत्तराखंड आपदाओं की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। अपने अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिक यहां भूस्खलन, भूकंप आने की आशंका लगातार जताते रहे हैं।


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