गढ़वाल: शहर छोड़ गांव लौटे दो भाई, बनाया सबसे बड़ा मशरूम प्लांट..हर साल 24 लाख कमाई
दूसरे तमाम पहाड़ी भाईयों की तरह ये दोनों भी दिल्ली में जॉब कर रहे थे, लेकिन मन पहाड़ में ही लगा रहा। आज इनके पास गढ़वाल का सबसे बड़ा मशरूम प्लांट है।
Jan 25 2023 10:32AM, Writer:कोमल नेगी
पलायन को रोकना है तो हमें स्वरोजगार को अपनाना होगा। नई टिहरी में रहने वाले सुशांत और प्रकाश उनियाल भी यही सोचा करते थे।
Tehri Garhwal Prakash and Sushant Uniyal Mushroom Farming
दूसरे तमाम पहाड़ी भाईयों की तरह ये दोनों भी दिल्ली में जॉब कर रहे थे, लेकिन मन पहाड़ में ही लगा रहा। साल 2018 में दोनों भाई एक बार फिर गांव लौट आए और यहां बंजर खेतों में मशरूम प्लांट लगाया। आज सुशांत और प्रकाश की गिनती सफल उद्यमियों में होती है। इतना ही नहीं दोनों अपने प्लांट के माध्यम से कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं। सुशांत और प्रकाश चंबा के डडूर गांव के रहने वाले हैं। आज उनके पास गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बड़ा मशरूम प्लांट है। सुशांत दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स मैनेजर थे, जबकी उनके भाई प्रकाश बैंक में जॉब कर रहे थे। कहने को दोनों देश की राजधानी में थे, लेकिन दिल हर वक्त गांव में लगा रहता था। 2018 में दोनों भाई गांव लौटे और खुद का काम शुरू करने की योजना बनाई।
वर्ष 2019 में उन्होंने केंद्र सरकार की मिशन ऑफ इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट आफ हिल्स (एमआइडीएच) योजना के तहत 28.65 लाख रुपये का लोन लिया और गांव में ही ढिंगरी मशरूम का प्लांट लगाया। देखते ही देखते काम चल निकला। लॉकडाउन में जब लोगों की नौकरियां जा रही थी, तब भी प्रकाश और सुशांत ने 10 लाख रुपये का व्यापार किया। आज वो क्षेत्र के 15-20 युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। सीजन के दौरान ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है। उनके प्लांट में हर महीने एक हजार किलो ढिंगरी मशरूम का उत्पादन होता है। स्थानीय बाजार में वह 150-180 रुपये किलो की दर से मशरूम बेचते हैं। मशरूम प्लांट से उन्हें सालभर में 24 लाख का टर्नओवर हो रहा है, जो कि संसाधनों की कमी वाले उत्तराखंड जैसे राज्य में बड़ी उपलब्धि है। उनके उत्पाद चंबा, नई टिहरी, ऋषिकेश, देहरादून के अलावा दिल्ली तक भेजे जाते हैं।