उत्तराखंड में तार पर फंसी थी हवा में उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी, नेकदिल लोगों ने बचाई जान
ग्रामीणों ने तार में फंसे पक्षी जैसे जीव के बारे में जानकारी जुटाई तो वो हैरान रह गए। ये एक वूली गिलहरी थी। जिसे 70 वर्ष पहले विलुप्त मान लिया गया था।
Mar 15 2023 7:17PM, Writer:कोमल नेगी
वूली गिलहरी....जिसे उड़ने वाली गिलहरी भी कहा जाता है। करीब 70 साल पहले विलुप्त हो चुकी इस गिलहरी को लेकर अल्मोड़ा के सोमेश्वर से एक अच्छी खबर आई है।
Rare woolly squirrel in Almora
यहां क्षेत्र के जंगल में एक वूली गिलहरी कांटों वाले तार में फंसी दिखाई दी। जिसे ग्रामीणों ने किसी तरह बचा लिया। घटना फलटा चनोली गांव की है। यहां रहने वाले किशोर नयाल को जंगल के पास एक अनोखा पक्षी नजर आया, जो कि तारों में फंसा हुआ था। उनके बेटे राहुल नयाल ने इस बारे में गांव के लोगों को बताया। ग्रामीणों ने गूगल की मदद से इस जीव के बारे में जानकारी जुटाई तो वो हैरान रह गए। ये एक वूली गिलहरी थी। जिसे 70 वर्ष पहले विलुप्त मान लिया गया है। आगे पढ़िए
हालांकि साल 2004 में इसे पाकिस्तान के साईं घाटी में भी देखा गया था। इसके बाद उत्तरकाशी में भी यह दुर्लभ गिलहरी दिखाई दी। लोगों ने वूली गिलहरी की फोटो भी कैमरों में कैद की है। तारों से आजाद होते ही गिलहरी ने जंगल की ओर उड़ान भर दी। डीएफओ सिविल सोयम अल्मोड़ा डीएस मर्तोलिया ने बताया कि इन प्रजातियों का दिखाई देना जैव विविधता के लिए अच्छा संकेत हैं। इसके संरक्षण के प्रयास किए जाएंगे। बता दें कि संकटग्रस्त विलुप्त हो रहे पक्षियों की प्रजातियों यानी आईयूसीएन की रेड सूची में भी वूली गिलहरी का नाम अंकित है। इससे पता चला है कि यह 70 वर्ष पहले विलुप्त हो गई थी। हालांकि इसे कई जगह कभी-कभार देखा गया है।