image: Uttarakhand Udham Singh Nagar District Crime Rate

उत्तराखंड के इस जिले में छोटी छोटी बात पर निकलने लग गया कट्टा, अनगिनत मर्डर, अनगिनत अपराध

गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों की तरह उत्तराखंड के इस जिले में भी लोग बात बात पर निकाल देते हैं कट्टा
Apr 23 2023 11:49AM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

आप सब ने गैंग्स ऑफ वासेपुर और मिर्जापुर तो देखी ही होगी। कैसे वहां पर बात बात में गोली और बंदूकें चल जाती हैं।

Udham Singh Nagar District Crime Rate

मगर क्या आप यकीन करेंगे कि उत्तराखंड राज्य जो कि बेहद शांतिप्रिय राज्य है वहां पर भी एक ऐसी जगह है जहां पर छोटी-छोटी बात पर बंदूक के निकल जाती हैं, गोलियां चलने लगती हैं और इंसानों को जान से मार डाला जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उधम सिंह नगर जिले की। उधम सिंह नगर में पिछले 6 सालों में अनगिनत अपराध हुए हैं, अनगिनत मर्डर हुए हैं, घटनाएं हुई हैं और क्रिमिनल एक्टिविटीज में यह जिला सबसे टॉप पर है। इस जिले को शहीद उधम सिंह के नाम पर रखा गया है जो कि जलियांवाला बाग में नरसंहार का बदला लेते हुए शहीद हो गए थे और उन्हीं के नाम पर रखा गया उत्तराखंड के इस जिले का नाम "उधम सिंह नगर"। मगर क्या आप जानते हैं कि उधम सिंह नगर में कितने ज्यादा क्राइम होते हैं? पहाड़ों को शांतिप्रिय माना जाता है मगर उधम सिंह नगर में औद्योगिक क्षेत्र ज्यादा है और यही वजह है कि यहां पर क्रिमिनल एक्टिविटीज को भी बेहद आसानी से अंजाम दिया जाता है। यह जिला नैनीताल से लगा हुआ है और अपराध के मामले में यह उत्तराखंड का सबसे गंभीर जिला माना जाता है। आगे पढ़िए

यहां पर अपराधिक घटनाओं को सबसे अधिक अंजाम दिया जाता है। पिछले 6 सालों के रिकॉर्ड की बात करें तो उधम सिंह नगर में ताबड़तोड़ हत्याएं हुई हैं। 2017 में यहां पर 40 हत्याएं हुई हैं। वहीं 2018 में 46, 2019 में 69, 2020 में 48 और 2021 में 34 हत्या के मामले दर्ज हुए। यहां पर अधिकतर हत्या गोली मारकर की गई है। जिससे यह तो स्पष्ट होता है कि यहां पर कई लोग अवैध तरह से हथियार अपने पास रखे हुए हैं। जब भी छोटा सा विवाद होता है तो यहां पर गोली बरसा दी जाती है। बता दें कि उधम सिंह नगर जिले में अवैध हथियार रखने का चलन बढ़ा है और इसका सबसे बड़ा कारण है इसका बॉर्डर क्राइम राज्य उत्तर प्रदेश से लगा होना। उत्तर प्रदेश, जहां पर सबसे ज्यादा गैंगस्टर और माफिया पाए जाते हैं। रुद्रपुर शहर का बॉर्डर रामपुर से लगा है तो वही सितारगंज और खटीमा शहर का बॉर्डर यूपी के एक बड़े जिले में गिने जाने वाले पीलीभीत से लगा हुआ है। ऐसे में उधम सिंह नगर में अपराधियों का प्रवेश करना बेहद आसान रहता है और घटना को अंजाम देने के बाद वह तुरंत ही उत्तर प्रदेश में वापस भी भाग जाते हैं। कुल मिलाकर उधम सिंह नगर एक क्राइम सिटी के तौर पर काफी पहले ही डिक्लेअर हो चुका है और क्राइम सिटी के नाम से मशहूर यह जिला आए दिन अपराधिक गतिविधियों को लेकर काफी सुर्खियों में बना रहता है।


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