image: Uttarkashi Mastadi village landslide and house creak

जोशीमठ के बाद उत्तरकाशी से आई भयानक तस्वीर, धरती में समा सकता है पूरा गांव

आपदा और मस्ताड़ी गांव एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं। साल 1991 में आए भूकंप के बाद से ही ये गांव आपदा का सामना कर रहा है।
Jul 5 2023 7:03PM, Writer:कोमल नेगी

जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव से हम सब वाकिफ हैं, लेकिन उत्तराखंड में ऐसे कई गांव हैं, जो लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते धरती में समाते जा रहे हैं।

Uttarkashi Mastadi village landslide

उत्तरकाशी का मस्ताड़ी गांव इनमें से एक है। यहां करीब 3 दशकों से भूस्खलन हो रहा है। गांव के लोग विस्थापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही। मानसून के आने के साथ ही यहां हालात और बिगड़ गए हैं। बीते दिनों कई घरों के अंदर से पानी फूट पड़ा। लोगों के मकान, गौशाला और किचन में हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। आपदा और मस्ताड़ी गांव एक दूसरे के पर्याय से बन गए हैं। साल 1991 में आए भूकंप के बाद से ही ये गांव आपदा का सामना कर रहा है। वैज्ञानिक यहां आकर सर्वे भी कर चुके हैं, लेकिन सर्वे का नतीजा क्या निकला, ये किसी को नहीं पता।

Mastadi village in danger

लगातार हो रही भारी बारिश के चलते यहां कई घरों में एक बार फिर पानी का रिसाव शुरू हो चुका है। हालात चिंताजनक होने पर ग्राम प्रधान ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। जिसके बाद जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन की टीम ने गांव का निरीक्षण किया। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के मौसम में गांव के कई घरों में पानी का रिसाव होने लगता है, पूरा गांव खतरे की जद में है। ग्रामीण विस्थापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनकी समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा। यहां एक दर्जन से ज्यादा घरों में पानी का रिसाव हो रहा है। मामले को लेकर तहसीलदार सुरेश प्रसाद सेमवाल ने कहा कि घरों में होने वाले रिसाव की वजह बारिश है। वैज्ञानिकों से गांव का निरीक्षण कराया जाएगा, उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है।


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