देहरादून में रहते हैं सबसे ज्यादा अमीर, हरिद्वार में ठीक उल्टा हाल, पढ़िए पूरी रिपोर्ट
Poverty Index-2023 Uttarakhand Report साल 2016 में देहरादून को छोड़ अन्य जिलों में गरीबी दर 10 प्रतिशत से ज्यादा थी, जबकि इस बार 10 प्रतिशत से कम है।
Jul 27 2023 4:16PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इसके सुखद नतीजे भी देखने को मिले हैं। लोगों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। जिससे प्रदेश के सभी जिलों में गरीबी कम हो रही है।
Poverty Index-2023 Uttarakhand Report
इसका खुलासा नीति आयोग द्वारा जारी राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2023 में हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के मौके बढ़ने और रिवर्स पलायन से गरीबी दर कम हुई है। बहुआयामी गरीबी को मापने के लिए आयोग ने तीन आयाम और 12 संकेतकों का उपयोग किया है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर को आयाम के तौर पर इस्तेमाल किया गया। जबकि पोषण, बाल और किशोर मृत्युदर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पेयजल, विद्युत, आवास संपत्ति और बैंक खाते जैसे संकेतकों से दर्शाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के दस जिलों में गरीबी दर 10 प्रतिशत से कम रह गई है। 2016 से 2021 के बीच उत्तराखंड में गरीबों की संख्या में खासी कमी आई है।
साल 2016 में देहरादून को छोड़ अन्य जिलों में गरीबी दर 10 प्रतिशत से ज्यादा थी, जबकि इस बार देहरादून, चंपावत, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा समेत 10 जिलों में गरीबी दर 10 प्रतिशत से कम है। सबसे ज्यादा अमीर लोग राजधानी देहरादून में रहते हैं। यहां गरीबी दर सबसे कम 3.02 प्रतिशत है, जबकि नजदीकी जिले हरिद्वार में स्थिति एकदम उलट है। यहां सबसे ज्यादा गरीबी दर 16.29 प्रतिशत है। देहरादून में गरीबी दर 6.88 से घटकर 3.02 प्रतिशत, रुद्रप्रयाग में 13.91 से घटकर 5.14 प्रतिशत, पिथौरागढ़ में 13.96 से घटकर 6.48 प्रतिशत, चमोली में 16.78 से 6.81 प्रतिशत, बागेश्वर में 19.99 से 7.50, अल्मोड़ा में 16.8 से महज 9.47 फीसद रह गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा कि साल 2015-16 के मुकाबले 2019-21 में गरीबी में रहने वालों की संख्या घटी है। साल 2015-16 में ये आंकड़ा 17.67 था, जो 2019-21 में 9.67 प्रतिशत रह गया। ग्रामीण क्षेत्रों की बहुआयामी गरीबी में भी 11.03 प्रतिशत की कमी आई है। किसी भी क्षेत्र में गरीबी बढ़ने के पीछे पलायन और कम रोजगार प्रमुख कारण होते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार व रिवर्स पलायन बढ़ने से गरीबी दर कम हुई है।