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उत्तराखंड में लाया जाएगा सशक्त भू-कानून, धामी सरकार ने की बड़ी तैयारी

Uttarakhand Land Law विधानसभा चुनाव के वक्त भी भू-कानून का मुद्दा उठा था, जिसे लेकर धामी सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
Aug 10 2023 7:07PM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड में लंबे समय से सशक्त भू-कानून की जरूरत महसूस की जा रही है।

Land law will be implemented soon in Uttarakhand

बाहर के लोग उत्तराखंड में औने-पौने दाम में जमीनें खरीद कर यहां होटल-रिजॉर्ट बना रहे हैं। जो पहाड़ी कभी इन कभी जमीनों के मालिक होते थे, वो इन होटलों में मेहनत-मजदूरी कर जीवन-यापन करने को मजबूर हैं। विधानसभा चुनाव के वक्त भी भू-कानून का मुद्दा उठा था, जिसे लेकर धामी सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। धामी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही सशक्त भू-कानून पर भी काम कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार इस कानून को लागू करने को पूरी तरह तैयार और प्रतिबद्ध है। शीघ्र ही कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। बुधवार को सीएम ने मीडिया से मुलाकात में कहा कि भू-कानून के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को प्राप्त हो चुकी है। जन भावनाओं का सम्मान सरकार के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने साफ किया कि इन भावनाओं के अनुरूप सरकार इस कानून को लागू करने को प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भू-कानून पर सरकार का रुख स्पष्ट करने के बाद माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा सत्र में इस संबंध में सदन में विधेयक प्रस्तुत किया जा सकता है। आगे पढ़िए

बता दें कि जुलाई 2021 में भू-कानून के परीक्षण और अध्ययन के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी। एक साल के कार्यकाल के दौरान समिति ने वर्तमान भू-कानून को और सख्त बनाने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों, राजनीतिक दलों के साथ स्वैच्छिक संस्थाओं से सुझाव आमंत्रित किए थे। साथ ही जिलों से वर्ष 2003 के बाद भू-उपयोग में दी गई छूट के बारे में रिपोर्ट भी तलब की थी। बीते साल सितंबर में समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। इसमें समिति ने भूमि खरीद की अनुमति जिलाधिकारी के स्थान पर शासन स्तर से देने पर जोर दिया है, ताकि भूमि खरीद के दुरुपयोग को रोका जा सके। भूमि की अनियंत्रित खरीद को रोकने के साथ ही निवेश की संभावनाओं को देखते हुए 23 संस्तुतियां की हैं। इस रिपोर्ट को कैबिनेट के बाद विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। जिससे प्रदेश में नया सशक्त भू-कानून अस्तित्व में आ सकेगा। बता दें कि सरकारी और निजी नाप भूमि पर अवैध कब्जों के मामले में सख्त कानून बनाने Uttarakhand Land Law की प्रक्रिया चल रही है। पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया था कि प्रदेश में सरकारी और निजी भूमि पर अतिक्रमण मामले में 10 साल तक सजा होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस अध्यादेश के संबंध में प्रक्रिया चल रही है।


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