उत्तराखंड में लागू होने जा रहा है यूनिफॉर्म सिविल कोड, मसौदे में हैं सख्त प्रावधान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश में एक समान नागरिक कानून होने चाहिए। इसकी शुरुआत उत्तराखंड से होगी।
Aug 29 2023 2:54PM, Writer:कोमल नेगी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा अपडेट दिया है।
uttarakhand uniform civil code to implement soon
उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत हम इसी साल राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई मुद्दों पर बात की। एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में सीएम धामी ने कहा कि जनता की मांग पर देश में एक समान नागरिक कानून होने चाहिए। इसकी शुरुआत उत्तराखंड से होगी। उत्तराखंड में सभी लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं। लेकिन लोगों को धोखा देकर, लालच देकर और गुमराह करके धर्म परिवर्तन कराया जा रहा। देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिए इसे रोकना जरूरी है। उत्तराखंड एक शांतिपूर्ण राज्य है, जहां बेहतरीन कानून व्यवस्था है। पिछले कुछ समय से लोग यहां अवैध रूप से बस रहे है, जिससे जनसांख्यिकीय बदलाव भी देखने को मिला है। उत्तराखंड में किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
प्रदेश में जाति, धर्म, पंथ से ऊपर उठकर अतिक्रमण हटाया जा रहा है। अब तक 3000 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 2014 और 2019 के चुनावों की तरह हमें 2024 के लोकसभा चुनावों में भी लोगों का आशीर्वाद मिलेगा। बता दें कि बीते साल चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही थी। समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मसौदा समिति का गठन किया था। मसौदे में बहुविवाह/बहुपति प्रथा पर प्रतिबंध, महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 साल करने, बच्चा गोद लेने का समान कानून और मुस्लिम महिलाओं के लिए माता-पिता की संपत्ति में समान हिस्सेदारी की सिफारिशें की गई हैं। आगामी लोकसभा और राज्य में इसी वर्ष प्रस्तावित नगर निकाय चुनावों के दृष्टिकोण से समान नागरिक संहिता की राज्य की पहल काफी महत्वपूर्ण हो सकती है।