image: Last farewell to Uttarakhand martyr Sanjay Bisht

उत्तराखंड शहीद संजय बिष्ट को आखिरी सलाम, पार्थिव शरीर से लिपट कर रोई मां, नम हुई आंखें

Uttarakhand martyr Sanjay Bisht बेटे को तिरंगे में लिपटा देखकर मां ने अपनी सुध-बुध खो दी थी। लोगों ने उन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला।
Nov 25 2023 6:25PM, Writer:कोमल नेगी

शहीद संजय बिष्ट अब हमारी यादों में जिंदा रहेंगे। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद होने वाले संजय बिष्ट को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गई।

Uttarakhand martyr Sanjay Bisht

बुधवार 22 नवंबर को संजय बिष्ट राजौरी सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हो गए थे। संजय बिष्ट नैनीताल के रहने वाले थे। उनके निधन के पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। 28 साल के संजय बिष्ट का पार्थिव शरीर शुक्रवार 24 नवंबर शाम को उनके पैतृव आवास नैनीताल जिले के रातीघाट गांव पहुंचा। मां और बहन संजय बिष्ट के पार्थिव शरीर से लिपटकर फूट-फूट कर रोईं। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गईं। संजय बिष्ट भारतीय सेना में लांसनायक के पद पर तैनात थे। बेटे को तिरंगे में लिपटा देखकर मां ने अपनी सुध-बुध खो दी थी। वहां मौजूद लोगों ने शहीद के माता-पिता को बड़ी मुश्किल से संभाला।

अंतिम दर्शन के बाद गांव के ही श्मशान घाट में शहीद संजय बिष्ट को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। भाई नीरज ने शहीद संजय बिष्ट को मुखाग्नि दी। शहीद संजय बिष्ट की अंतिम विदाई में नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह, बीजेपी विधायक अरविंद पांडेय समेत जिले के तमाम बड़े अधिकारी और नेता मौजूद थे। बता दें कि बुधवार 22 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में सेना को आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सेना के जवानों पर फायरिंग कर दी। जिसमें भारतीय सेना के दो अधिकारी समेत पांच जवान शहीद हो गए थे। शहीदों में उत्तराखंड के संजय बिष्ट भी थे। संजय ने महज 28 साल की उम्र में देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। Uttarakhand martyr Sanjay Bisht के शहीद होने की खबर के बाद रातीघाट बाजार और आसपास के क्षेत्र के लोगों में गमगीन माहौल है।


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