image: Court Took Action Against The Woman

Uttarakhand: जमीन के लिए झूठे केस में फंसाना महिला को पड़ा भारी, कोर्ट ने उठाया ये सख्त कदम

महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून ने उन्हें पुरुषों से ज्यादा अधिकार दिए हैं लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं।
May 27 2024 12:25PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

मुकदमा दर्ज करने वाली महिला के खिलाफ नैनीताल जिला हाई कोर्ट ने एक्शन लिया है। साथ में जांच अधिकारी के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाही के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने झूठे मुकदमे में फंसे आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है।

Court Took Action Against The Woman Who Implicated Her in A False Case

भारतीय दंड संहिता में कानून ने महिलाओं को अनेक अधिकार दिए हैं चाहे वो यौन उत्पीड़न का हो या किसी हिंसा या बाल विवाह। समाज में महिलाओं पर होते जुल्म और अपराधों पर नज़र डालें तो ये किसी हद तक तो ठीक हैं लेकिन बहुत बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग इसका गलत उपयोग करके फायदा उठाते हैं। ऐसा ही एक मामला कुछ दिनों पहले नैनीताल उच्च न्यायालय में भी आया था। जो कि जनपद का पहला ऐसा मामला है जहाँ पर झूठा मुकदमा लिखने पर कोर्ट ने महिला के खिलाफ 182 दंड प्रक्रिया के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ में पुलिस की जाँच में शामिल अधिकारी के खिलाफ भी एसएसपी को सख्त कार्रवाही करने के निर्देश दिए हैं और झूठे मुक़दमे में फंसे आरोपियों को दोषमुक्त करार कर दिया गया है।

जमीन से जुड़ा है मामला

इस मामले में अधिवक्ता राजन सिंह ने बताया कि पीताम्बर मिश्रा ने अभियुक्त भवाली निवासी प्रेम प्रकाश को अपनी जमीन का सौदा 2 लाख रुपए में अपने लड़के और पत्नी के नाम किया, जिसके बाद उनकी परित्यागता पुत्री ज्योति जोशी ने षड्यंत्र रचकर इस डील को कैंसिल करने की नीयत से प्रेम प्रकाश और उनके भाई पर छेड़खानी और कपडे फाड़ने के साथ ही जान से मारने की धमकी देने का आरोप भवाली थाने में फ़रवरी 2023 में दर्ज कराया। फिर दोनों भाइयों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं पर न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया।

जाँच अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाही

इसके उपरान्त अभियोजना द्वारा कोर्ट में 7 गवाहों को परीक्षित करवाया। आरोपी की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा ने तमाम वीडियो और गवाहों के आधार पर सभी तथ्यों पर मजबूती से केस को लड़ा और ये साबित करके दिखाया कि ज्योति जोशी ने षड्यंत्र के तहत यह डील निरस्त करने की नीयत से प्रेम प्रकाश और उसके भाई पर झूठा मुक़दमा दर्ज किया है। जिसके बाद न्यायालय ने ज्योति जोशी के खिलाफ 182 की कार्रवाई की है साथ ही जांच अधिकारी की विरुद्ध सख्त टिप्पणी करते हुए पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट न्यायलय को सौंपने को कहा है।


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