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उत्तराखंड: विदेश से लाकर बदला गया रेटिना, ढाई घंटे तक चला नि:शुल्क ऑपरेशन

उत्तराखंड में ऐसा ऑपरेशन पहली बार हुआ है जिसमें विदेश से टाइटेनियम मैक्यूलर बकल मंगाकर हरिद्वार के हंस फाउंडेशन अस्पताल में आँख के रोगी की नई उम्मीद पैदा कर दी।
May 30 2024 1:52PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

एक 64 वर्षीय व्यक्ति की आंख की रेटीना का पर्दा हट गया था, जिसमें टाइटेनियम मैक्यूलर बकल लगाकर डॉक्टरों द्वारा सफल सर्जरी की गई। यह ऑपरेशन ढाई घंटे तक चला जो कि आयुष्मान कार्ड की मदद से एकदम निशुल्क किया गया।

First Successful Macular Buckle Titanium Eye Surgery in Uttarakhand

उत्तराखंड के नेत्र चिकित्सकों को पहली बार एक बड़ी सफलता हाथ लगी है हरिद्वार में आखों के रेटिना के पर्दे हटने की टाइटेनियम मैक्यूलर बकल लगा कर सफल सर्जरी की गई है। नेत्र विशेषज्ञ और सर्जन डॉ चिंतन देसाई ने हरिद्वार में प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि 64 वर्षीय एक व्यक्ति के आँखों की रौशनी बिल्कुल चली गई थी और दूसरी आंख का पर्दा भी फटा हुआ था तथा मरीज के आँखों की लम्बाई सामान्य से भी अधिक थी। उनकी आँखे बड़ी होने और आँखों का पर्दा हटने के कारण दूर की नज़र में उन्हें परेशानी हो रही थी। जिसके बाद विदेश से टाइटेनियम मैक्यूलर बकल मंगाया गया और फिर मरीज की सफल सर्जरी की गई है।

ढाई घंटे तक चली सर्जरी

उन्होंने बताया कि भारत में सिर्फ सिलिकॉन का बकल मिलता है, टाइटेनियम मैक्यूलर बकल की सर्जरी में एक से डेढ़ लाख रुपये का खर्चा होता है लेकिन आयुष्मान कार्ड की मदद से मरीज की सर्जरी निशुल्क की गई है। हंस फाउंडेशन में इस सर्जरी को किया गया जो कि ढ़ाई घंटे तक चली और यह उत्तराखंड में पहली बार हुआ है। वर्तमान में मरीज हंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती है।


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