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उत्तराखंड: फेरी-ठेली वालों होगा वेरिफिकेशन, जारी होंगे पहचान पत्र

प्रदेश में लगातार बाहरी लोगों द्वारा किए जा रहे अपराध को देखते हुए धामी सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है, इन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ठेली-फेरी लगाने वालों का सत्यापन करना अनिवार्य कर दिया है।
Jul 18 2024 5:12PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

अब सभी ठेली और फेरी लगाने वालों के लिए पहचान पत्र बनाए जाएंगे, चाहे वे उत्तराखंड के निवासी हों या अन्य राज्यों से यहां रोजगार के लिए आए हों। सभी का सत्यापन किया जाएगा। इस संबंध में शहरी विकास निदेशालय ने आवश्यक आदेश जारी कर दिए हैं।

There Will Be Verification of Street Vendors in Uttarakhand

बहुत समय से उत्तराखंड में कई आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें सामान बेचने वालों का हाथ रहा है। कई स्थानों पर देखा गया है कि अपराधी पहले ठेली-फेरी लगाकर इलाके की रैकी करते हैं और फिर अपराध करते हैं। इस स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अब प्रदेश के हर जिले में फेरी-ठेली लगाने वालों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है।

लगातार हो रही प्रवासी जनसंख्या में वृद्धि

उत्तराखंड में प्रवासी जनसंख्या काफी बढ़ गई है, क्योंकि कई लोग रोजगार की तलाश में यहां आते हैं। विशेषकर हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी और चारधाम में इनकी संख्या अधिक है। छोटे व्यापार करके जीविका चलाने वाले ये लोग अक्सर कम समय के लिए रहते हैं, लेकिन कुछ ने स्थायी ठिकाना बना लिया है। कभी-कभी इनमें से कुछ लोग अपराध भी करते हैं, इसलिए उत्तराखंड सरकार ने इनका सत्यापन अनिवार्य कर दिया है।

सभी को अपना पहचान पत्र दिखाना होगा अनिवार्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शहरी विकास निदेशालय ने सभी नगर आयुक्तों और अधिकारियों को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में कहा गया है कि फेरी-ठेला वालों की जानकारी जुटाई जाए और उन्हें पहचान पत्र जारी किया जाए, जिसे उन्हें अपने ठेले पर दिखाना जरूरी है। पहचान पत्र में व्यवसायी का कोड, नाम, पता और फोटो होना चाहिए। सभी फेरी व्यवसायियों को यह पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य है।


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