image: 31 families of the village left their homes due to landslide

उत्तराखंड में भूस्खलन से खाली हुआ पूरा गाँव, 31 परिवारों ने छोड़ दिया अपना आशियाना

उत्तराखंड हर साल मानसून सीजन में आपदा की मार झेलता है इस बार भी बारिश के चलते कई गॉंव उजड़ गए। लोग अपनी पुरखों की जमीन छोड़कर दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं।
Aug 29 2024 12:39PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

लगातार हो रही बारिश के कारण भिलंगना नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे मेडू गांव के नीचे भू-कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है और गांव को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस स्थिति से भयभीत 31 परिवारों ने अपने घर खाली कर गांव के प्राथमिक स्कूल में शरण ली है।

31 families of the village left their homes due to landslide

जनपद टिहरी के भिलंगना ब्लॉक में आपदा प्रभावित घुत्तू क्षेत्र में स्थित मेंडू ग्राम पंचायत के कनियाज और भाटगांव नामेतोक में जमीन धंसने की घटनाओं ने कई घरों को प्रभावित किया है, जिससे इन घरों में बड़ी दरारें पड़ गई हैं। इस खतरनाक स्थिति से डरे हुए 31 परिवारों ने अपने घरों को छोड़कर गांव के प्राथमिक स्कूल में आश्रय लिया है। वहीं मेंडू गांव के नीचे भिलंगना नदी के कटाव से गांव पर भी खतरा मंडरा रहा है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग करते हुए नदी के कटाव को रोकने के लिए त्वरित उपाय करने की गुहार लगाई है।

बादल फटने से सैकड़ों नाली जमीन तबाह

उल्लेखनीय है कि 20 और 21 अगस्त को घुत्तू क्षेत्र में बादल फटने के बाद से ही यह क्षेत्र भारी तबाही का सामना कर रहा है। इस आपदा के कारण ग्रामीणों की सैकड़ों नाली जमीन और सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। निरंतर हो रही बारिश से भिलंगना नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, जिससे मेंडू गांव के नीचे का भू-कटाव और भी गंभीर हो गया है। वहीं कनियाज और भाटगांव नामेतोक के मकानों में आई दरारों ने ग्रामीणों के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

भूगर्भीय टीम कर रही है क्षेत्र का सर्वे

कनियाज और भाटगांव के 31 परिवारों ने खतरे को देखते हुए अपने घर छोड़कर प्राथमिक स्कूल में शरण ली है, जहां उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के प्रधान कुंवर सिंह ने मकानों में बढ़ती दरारों और भिलंगना नदी के कटाव के चलते जल्द से जल्द विस्थापन की मांग की है। एसडीएम अपूर्वा सिंह ने बताया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर जाने और जरूरत पड़ने पर उन्हें खाद्यान्न सहित अन्य सहायता दी जाएगी। भूगर्भीय टीम भी क्षेत्र का सर्वे कर रही है।


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