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Uttarakhand: फिर लटके निकाय चुनाव, प्रशासकों का कार्यकाल विस्तार.. कोर्ट के इस तारीख तक के आदेश

नगर निकाय चुनाव की स्थिति के अनुकूल न होने पर सरकार ने नगर निकायों में प्रशासकों के कार्यकाल को एक बार फिर बढ़ाने का निर्णय लिया है।
Sep 2 2024 11:25AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

नगर निकायों का पांच साल का कार्यकाल पिछले साल एक दिसंबर को समाप्त हो गया था, जिसके बाद इन्हें प्रशासकों के अधीन कर दिया गया था। अब राज्य में निकाय चुनावों के और आगे खिसकने की संभावना बन गई है।

Uttarakhand Extends Administrators Tenure for Municipal Elections

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की अनिश्चितता के चलते सरकार ने प्रशासकों के कार्यकाल को फिर से बढ़ा दिया है। शनिवार को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, नए बोर्ड के गठन तक प्रशासकों का कार्यकाल जारी रहेगा। इससे राज्य में निकाय चुनावों की तारीख और आगे बढ़ने की संभावना है। नगर निकायों का पांच साल का कार्यकाल पिछले साल एक दिसंबर को समाप्त हो गया था और तब इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। उस समय निकाय अधिनियम के तहत प्रशासकों को छह माह के लिए नियुक्त किया गया था। इस अवधि के दौरान चुनाव की स्थिति न बन पाने पर सरकार ने दो जून को प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ा दिया था।

वर्तमान में मानसून सीजन और ओबीसी सर्वे में भी लगेगा समय

अब इस अवधि के समाप्त होने से पहले ही शासन ने नए बोर्ड के गठन तक प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है। सचिव शहरी विकास नितेश कुमार झा द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार गत वर्ष एकल समर्पित आयोग से ओबीसी प्रतिनिधित्व संबंधी रिपोर्ट प्राप्त न होने के कारण निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार निकायों में ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इसमें विलंब हुआ जिसके कारण प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया गया। वर्तमान में मानसून सीजन में अतिवृष्टि, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं के साथ ओबीसी सर्वे में भी समय लगने की संभावना है।

हाईकोर्ट का आदेश 25 अक्टूबर तक कराए निकाय चुनाव

इन परिस्थितियों को देखते हुए निकायों में प्रशासनिक शून्यता न हो इसके लिए प्रशासकों का कार्यकाल विस्तारित किया गया है। प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ने से अब यह स्पष्ट हो गया है कि निकाय चुनाव और आगे खिसकेंगे। हालांकि सरकार ने पहले हाईकोर्ट में कहा था कि निकाय चुनाव 25 अक्टूबर तक कराए जाएंगे लेकिन यह स्थिति भी बनती नहीं दिख रही है। इसका कारण यह है कि विधानसभा के मानसून सत्र में निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए निकाय अधिनियम में संशोधन विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा गया है। प्रवर समिति को एक माह में अपनी रिपोर्ट देनी है जिसके बाद अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।


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