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Uttarakhand News: बिजली की दरों में 20% बढ़ोतरी की संभावना, 2500 करोड़ वसूलने को UJVNL लागू करेगा आदेश

बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर महंगाई का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि बिजली के दामों में वृद्धि होने वाली है।
Sep 21 2024 6:15PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर 2500 करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ने वाला है। UJVNL ने मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना दो से संबंधित मामले में अपटेल के आदेशों को तत्काल लागू करने के लिए दबाव बना दिया है।

Electricity is Going to Increase by 20% in Uttarakhand

उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। क्योंकि बिजली के बिलों में फिर से इजाफा होने जा रहा है। यूजेवीएनएल ने इस मामले में विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई पर सवाल उठाए हैं। पत्र लिखकर स्पष्ट किया गया है कि उच्च कोर्ट के फैसले को सीधे लागू किया जाना चाहिए और इस पर सुनवाई नहीं हो सकती। आयोग ने अपटेल के फैसले पर एक अक्टूबर को जनसुनवाई तय की है, जिसमें इस फैसले के प्रभाव और आम जनता पर इसके असर की जानकारी दी जाएगी। आम जनता, उद्योग जगत और व्यापारियों की राय भी इस सुनवाई में शामिल की जाएगी।

अपटेल के फैसले से बिजली दरों में 20% बढ़ोतरी की संभावना

UJVNL ने आयोग को भेजे पत्र में बताया कि इस मुद्दे पर आयोग पहले ही सुनवाई कर चुका है और फैसला भी दे चुका है। आयोग के इसी निर्णय को अपटेल में चुनौती दी गई थी, जिसने आयोग के फैसले को पलट दिया। इस स्थिति में अपटेल के फैसले पर दोबारा सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि आयोग को हर हाल में अपटेल के निर्णय को लागू करना होगा। कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने कहा कि यूजेवीएनएल की ओर से सुनवाई को लेकर उठाए गए सवालों के मद्देनजर पूरे मामले को जनता के सामने रखना महत्वपूर्ण है। इसलिए एक अक्तूबर को निर्धारित सुनवाई जारी रहेगी। अगर अपटेल का फैसला लागू होता है, तो बिजली की दरें 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं।

2500 करोड़ की वसूली किस्तों में करने पर विचार

इस निर्णय के परिणामस्वरूप UJVNL को इक्विटी के तहत 351 करोड़ के मुनाफे के साथ 851 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इसके अतिरिक्त 2008 से अब तक के पूरे पैसे पर ब्याज और रिटर्न ऑफ इक्विटी के तहत 1600 करोड़ रुपये से अधिक मिलेंगे। इस तरह यूजेवीएनएल को यूपीसीएल से लगभग 2500 करोड़ रुपये टैरिफ के रूप में प्राप्त होंगे, जो सीधे बिजली की कीमतों को प्रभावित करेगा। इस मामले का एक संभावित समाधान यह हो सकता है कि 2500 करोड़ रुपये को एक साथ वसूलने के बजाय किस्तों में वसूला जाए, ताकि आम जनता पर एक साथ इतना बड़ा वित्तीय बोझ न पड़े। आयोग के पास अपटेल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प भी मौजूद है।


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