Uttarakhand: मेयर और पालिका अध्यक्षों के अधिकार रहेंगे बहाल, शहरी विकास अनुभाग ने किया शासनादेश रद्द
टेंडर कमेटियों में पुरानी व्यवस्था को बहाल किये जाने पर महापौर विकास शर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सीएम धामी ने पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है।
May 17 2025 8:14PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
निकायों की टेंडर कमेटियों से अध्यक्षों को बाहर किए जाने संबंधी शासनादेश को शहरी विकास अनुभाग ने मुख्यमंत्री के आदेश के बाद निरस्त कर दिया, और नया शासनादेश जारी कर दिया है। अब पूर्व की तरह टेंडर कमेटियों में निकायों के अध्यक्ष शामिल रहेंगे।
Power of mayor and municipal presidents will remain restored
बता दें कि 2 मई को जारी शासनादेश में शहरी विकास विभाग ने निकायों की टेंडर कमेटी से मेयर और अध्यक्षों को बाहर करने का आदेश दिया था। नए शासनादेश में शासन ने निकायों में होने वाले निर्माण कार्यों, सामग्री खरीदने सहित अन्य कार्यों के लिए समितियों का गठन करते हुए शासनादेश जारी किया था। इसके अनुसार समितियों में संबंधित निकायों के नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि मुख्य कोषाधिकारी या कोषाधिकारी इसके सदस्य होंगे। इसमें मेयर व नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्षों को शामिल नहीं किया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से किया था अनुरोध
सरकार इस फैसले को लेकर रुद्रपुर मेयर विकास शर्मा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों देहरादून में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने जनहित को देखते हुए इस शासनादेश वापस लेने और पुरानी व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया था। इस पर सीएम धामी ने शासनादेश को निरस्त करने के आदेश दिए थे।
पूर्व में निर्गत शासनादेश यथावत लागू रहेगा
बीते शुक्रवार को शासन के शहरी विकास अनुभाग ने जारी शासनादेश में कहा है कि समितियों के गठन में पूर्व में निर्गत शासनादेश में आशिंक रूप से संशोधन करते हुए 2 मई को शासनादेश निर्गत किया गया था। इस संशोधन विषयक शासनादेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। अब समितियों के गठन के संबंध में पूर्व में निर्गत शासनादेश यथावत लागू रहेगा।
सीएम ने की पुरानी व्यवस्था बहाल
टेंडर कमेटियों में पुरानी व्यवस्था को बहाल किये जाने पर महापौर विकास शर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। नए शासनादेश से निकायों के जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन हो रहा था। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सीएम धामी ने पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है।