उत्तराखंड में ईको टूरिज्म से मिलेगा रोजगार, पलायन रोकने के लिए हुई बड़ी तैयारी
उत्तराखंड सरकार पलायन रोकने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है। इस बीच पलायन रोकने के लिए ईको टूरिज्म को हथियार बनाया गया है।
Sep 25 2018 4:15PM, Writer:रश्मि पुनेठा
आज राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती गांवों से हो रहा पलायन है। पलायन आयोग की रिपोर्ट की बात करे तो राज्य गठन से लेकर अब तक 1702 गांव पलायन की वजह से पूरी तरह से खाली हो चुके है। वही कई ऐसे गांव है जहां गिनती के ही लोग रह गए हैं। ऐसी स्थिती में सरकार के सामने युवाओं को गांव के पास रोजगार दिलाने के साथ साथ गांवों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करने की चुनौती है। इसी के मद्देनजर पलायन आयोग ने रिपोर्ट तैयार की है जिसमें राज्य की प्राकृतिक संसाधनों को आधार बनाकर पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही गई है। इसमें भूटान और सिक्किम की तर्ज पर उत्तराखंड में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में वन्यजीव पर्यटन, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग और होम स्टे पर खास फोकस करने की सिफारिश की गई है।
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उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि ईको टूरिज्म के जरिए पर्वतीय जिलों में रोजगार पैदा किया जाएगा। साथ ही पलायन रोकने पर भी काम होगा। विभिन्न ईको टूरिज्म स्पॉट्स और होम स्टे योजना को नजदीकी ट्रैकिंग स्थलों, मंदिरों, अन्य पर्यटक स्थलों से जोड़ने पर बल दिया। इस रिपोर्ट में राज्य में मौजूद ईको टूरिज्म की संभावनाएं और इनके क्रियान्वयन के मद्देनजर सुझाव दिए गए हैं। पलायन आयोग की रिपोर्ट में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई सुझाव दिए गए है। जिसमें कार्बेट नेशनल पार्क के अलावा दूसरे नेशनल पार्कों और सेंचुरियों में ईको टूरिज्म की गतिविधियां बढ़ाने की बात कही गई है। ताकि देश के अलग अलग हिस्सों से आने वाले सैलानियों की संख्या में और इजाफा हो सके। इसके साथ ही उत्तराखंड में विदेशी पर्यटकों की कम होती संख्या को भी बढ़ाया जा सके।
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पर्यटकों की गतिविधियां बढ़ने से प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलेगा जो उनकी आर्थिक स्थिती को मजबूती देगा। इस रिपोर्ट में ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल की भी सलाह दी गई है। बहरहाल रिपोर्ट में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है। लेकिन अब यह सरकार पर है कि वो किस तरह इन सुझावों का इस्तेमाल कर लोगों को रोजगार मुहैय्या करती है। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड के लिहाज से ये एक बेहतरीन खबर साबित हो सकती है। सही दिशा में सही काम किया गया तो युवाओं को शानदार फायदा मिल सकता है।