देवभूमि में पाप..सैन्य कर्मी ने गर्भवती पत्नी को दी दर्दनाक मौत, मिला आजीवन कारावास
उस बहू के कुछ सपने थे और उन सपनों को ज़िदा होने से पहले ही मार डाला गया। उसकी कोख में पल रही जान को इस दुनिया में आने नहीं दिया गया।
Oct 2 2018 7:04AM, Writer:कपिल
सवाल ये है कि क्या देवभूमि अब देवभूमि नहीं रही? समझ में ये नहीं आता कि आखिर ये हो क्या रहा है? क्यों लोगों की मानसिकता इस स्तर पर पहुंच गई है कि वो बेगुनाहों की हत्या करने पर आमादा हो गए हैं। दया और धर्म ..ये दो शब्द देवभूमि के लोगों के लिए कहे जाते थे लेकिन वो शब्द भी अब अपना अस्तित्व तलाश रहे हैं। जो खबर हम आपको बता रहे हैं, वो ज्यादा दूर की नहीं है बल्कि बागेश्वर की है। बागेश्वर की उस बेटी की शादी को अभी तीन महीने भी नहीं बीते थे कि सैन्य कर्मी पति और ससुराल वाले हैवान बन बैठे। पूरा का पूरा परिवार उस अकेली जान पर टूट पड़ा और उसे ज़हर देकर मार डाला। आखिरकार जब पीड़ित परिवार को कहीं भी न्याय नहीं मिला तो कोर्ट ने उन्हें न्याय दिलाया। हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनी गई। आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानिए।
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बीते साल बागेश्वर में इस हत्याकांड से हड़कंप मच गया था। बागेश्वर के बैजनाथ थाने में 13 सितंबर 2017 को मन्यूड़ा गांव के रहने वाले मोहन खुल्बे ने अपनी नवविवाहित बेटी आरती की हत्या का केस दर्ज कराया था। सैन्य कर्मी पति रवि पांडे, ससुर महेश पांडे, सास तारकेश्वरी देवी और ननद रुचि पांडे पर सामुहिक हत्या करने का आरोप लगाया गया। आरती के पिता ने आरोप लगाया था कि सैन्य कर्मी रवि पांडे द्वारा उनकी बेटी को जबरन प्यार के जाल में फंसाया गया था। बाद में वो शादी के लिए मुकरने लगा था। जब ये मामला पुलिस तक पहुंचा तो रवि शादी के लिए राज़ी हुआ था। शादी के तुरंत बाद ही रवि ने आरती पर जुल्म बरसाने शुरू कर दिए। अपने पिता, मां और बहन के साथ मिलकर उसने कभी आरती को शारीरीक रूप से उत्पीड़न किया तो कभी मानसिक रूप से उत्पीड़न किया। आखिरकार आरती की हत्या कर दी गई।
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आरती की हत्या के बाद पूरे बागेश्वर में ये खबर आग की तरह फैल गई थी। मामले की जांच के लिए बैजनाथ थाना पुलिस ने एक एक सुराग ढूंढा और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर दिया। लैब परीक्षण किया गया तो पता चला कि आरती को जहर देकर मारा गया है। सुनवाई में 18 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश ने सभी आरोपियों को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी आरोपियों पर 1.70 लाख रुपये का जुर्माना ठोंका गया है। अदालत के आदेश पर सभी आरोपियों को जेल भेजा गया है। सवाल ये है कि आखिर देवभूमि में ये क्या हो रहा है ? क्यों लोगों के दिमाग में वहशियत घर करने लगी है ? क्यों बेटियां बेमौत मर रही हैं और क्यों रिश्तों को तार-तार किया जा रहा है।