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उत्तराखंड से चुन चुन कर बाहर होंगे रोहिंग्या, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मांगी रिपोर्ट

उत्तराखंड में हाल ही में हड़कंप मच गया था। रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ की बात सामने आने के बाद राज्य और केंद्र सरकार एक्शन मोड में है।
Oct 2 2018 8:05AM, Writer:मोहित रावत

उत्तराखंड की सुरक्षा खतरे में है? हाल ही में खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने बड़ा खुलासा किया और बताया कि उत्तराखंड में अवैध रूप से रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए रह रहे हैं। इसके बाद ऐसी भी रिपोर्ट सामने आई कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भी रोहिंग्या रह रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि ऐसे संगठनों के साथ किसी भी हाल में समझौता नहीं किया जाएगा। राजनाथ सिंह का कहना है कि सभी राज्यों को रोहिंग्याओं की पहचान करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही सभी का बायोमीट्रिक डाटा भी कलेक्ट करने के लिए कहा गया है। सभी का डेटा निकालकर उन्हें वापस भेजा जाएगा। उत्तराखंड की सुरक्षा के लिए रोहिंग्या एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं..जानिए कैसे।

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हाल ही में देश की बड़ी सुरक्षा एजेंसियों ने भी साफ कर दिया था कि आतंकी संगठनों और कश्मीर के पत्थरबाजों से भी रोहिग्याओं का कनेक्शन है। संसद में देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी इस बारे में बड़ी बातें बता चुकी हैं। उत्तराखंड में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ की खबर के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कहा था कि उत्तराखंड में किसी भी हाल में ऐसी घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तलाश करके उत्तराखंड की सीमा से बाहर का रास्ता का दिखा दिया जाएगा। उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से काफी ज्यादा संवेदनशील राज्य है। खुद सीएम त्रिवेंद्र कह चुके हैं कि अगर किसी को भी कोई व्यक्ति संदिग्ध दिखे तो सरकार को सूचित करें। सीएम एप के माध्यम से भी आप सरकार तक इसकी सूचना पहुंचा सकते हैं।

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अब ये भी जान लीजिए कि आखिर रोहिंग्या कौन हैं ? 12वीं सदी के शुरुआत में रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन में आकर बस गए थे। तबसे लगातार इन पर हिंसा करवाने और आतंकवादी हमलों में शामिल होने का आरोप लगता रहता है। बड़ी बात तो ये भी है कि म्यांमार ने अब तक इस समुदाय को नहीं अपनाया है। आरोप ये भी है कि साल 2012 में रोहिंग्या मुस्लिमों ने म्यांमार के रखाइन में कुछ सुरक्षाकर्मियों की हत्या की थी। उसके बाद से वहां ज्यादा ही हिंसा भड़क गई थी। एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं कि रोहिंग्या बेहद गरीब और अशिक्षित हैं। इस वजह से कई आतंकी संगठन ऐसे युवाओं को अपने गुट में शामिल करते हैं। म्यांमार में बौद्ध संगठनों और रोहिंग्याओं के बीच कई बार खूनी झड़प हो चुकी है। ऐसे में रोहिंग्या उत्तराखंड के लिए भी काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। देखना है कि आगे क्या होता है।


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