देवभूमि को गंदा करने वाले सावधान! अब जुर्माना भरोगे..एक्शन में DM मंगेश घिल्डियाल!
अगर आप उत्तराखंड के मध्य हिमायल में घूमने आ रहे हैं, तो सबसे पहले ये खबर ध्यान से पढ़ लीजिए। वरना एक भी लापरवाही पर भारी पड़ेगी।
Oct 2 2018 12:58PM, Writer:आदिशा
उत्तराखंड में ऐसे जिलाधिकारियों पर गर्व होता है, जो अपनी कार्यशैली से जनता के हीरो बन गए हैं। DM मंगेश घिल्डियाल की तो बात ही अलग है। दरअसल बार बार शिकायत आती रहती है कि उत्तराखंड के ऊंचे बुग्यालों और पवित्र स्थलों में आने वाले पर्यटक वहां प्लास्टिक कचरा और जाने क्या क्या फेंक देते हैं। इससे पर्यावरण पर बेहद गंदा असर पड़ता है और इसका नुकसान पूरे पहाड़ को उठाना पड़ता है। लेकिन अगर आप अब देवभूमि उत्तराखंड आ रहे हैं और खास तौर पर मध्य हिमालय की जगहों और बुग्यालों में सफर करने के लिए आ रहे हैं, ये खबर आपके लिए। अब अगर आपने कचरा बुग्यालों या फिर रमणीक स्थलों में छोड़ा तो आपको जुर्माना भरना पड़ेगा। यहां तक कि आप पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। डीएम मंगेश घिल्डियाल के इस काम की बेहद तारीफ हो रही है।
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बार बार जागरूगता और कई चेतावनियों के बाद भी जब पर्यटकों का रवैया नहीं बदला, तो प्रशासन द्वारा ये सख्त कदम उठाया गया है। दरअसल कुछ दिन पहले डीएम मंगेश घिल्डियाल तुंगनाथ से चन्द्रशिला गए थे। वहां उन्होंने खुद ही सफाई अभियान चलाया और सारे कचरे को कई बोरियों में जमा किया। इसके बाद से लग रहा था कि डीएम किसी बड़े एक्शन की तैयारी में हैं। आखिरकार ये कार्ययोजना सामने आई है। अब ये योजना किस तरह से एक अभियान का रूप लेगी ? जरा ये भी जान लीजिए। उत्तराखंड में चोपता, बनियाकुंड, तुंगनाथ धाम, चंद्रशिला और दुगलबिट्टा के लिए यात्रा का संचालन चोपता और सारी गांव से किया जाता है। यहां पर चेक पोस्ट स्थापित हैं और इन्हें स्थायी चौकी में बदला जाएगा। यहां वन विभाग और पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
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स्थायी चौकियों पर पर्यटकों के सामान की जांच की जाएगी। बकायदा रजिस्टर मेॆं नाम और आईडी दर्ज की जाएगी। पर्यटन अपने साथ कितना पानी, जूस , प्लास्टिक की बोतलें, चिप्स, कुरकुरे, बिस्कुट, चॉकलेट और प्लास्टिक के रैपर ले जा रहे हैं, इस सबको रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। इस सामग्री की संख्या के हिसाब से एक निश्चित फीस ली जाएगी। ये पैसे तब वापस दिए जाएंगे, जब ये सब कुछ वापस लाकर दिखाएं। नियम पूरे ना होने पर उनकी राशि तो जब्त होगी ही साथ ही जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी। बुग्यालों को संरक्षित करने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। कचरा वापस ना लाने पर 5 हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जा सकता है। इसके अलावा एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। इतना जरूर है कि पहाड़ों को साफ सुथरा रखने के लिए मंगेश घिल्डियाल का ये कदम तारीफ के काबिल है।