उत्तराखंड में रह रही पाकिस्तानी महिला ने मांगी भारत की नागरिकता, बताई दर्दनाक दास्तान
पाकिस्तानी हिंदू महिला इस वक्त उत्तराखंड में रह रही है और वापस नहीं जाना चाहती। उसने कुछ खास बातें बताई हैं।
Dec 27 2018 10:03AM, Writer:मीत
नाम है कविता शर्मा..कविता के पिता प्रीतम सिंह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहते थे। साल 2010 में वो अपने परिवार को लेकर भारत आ गए और देहरादून के सीमा द्वार में रहने लगे। मेहनत मजदूरी करने लगे और अपने परिवार का पेट पालने लगे। प्रीतम के परिवार में उनकी दो बेटी कविता, काजल और बेटा जय कृष्ण है। साल 2014 में प्रीतम ने अपनी बड़ी बेटी कविता की शादी रुड़की के सालियर के रहने वाले सौरभ शर्मा से हो गई। अब कविता का एक बेटा कृष्णा दो साल का है और एक साल की बेटी है, जिसका नाम वैष्णवी है। कविता का दर्द है कि आठ साल भारत में रहने के बाद भी उसे और उसके परिवार को भारत की नागरिकता नहीं मिली है। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी ऑफिस में आवेदन किया है। कविता ने पाकिस्तान में रह रहे हिंदू परिवारों की दर्दनाक दास्तान बताई है। आगे पढ़िए...
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मीडिया से बातचीत में कविता कहती हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता। आलम ये है कि पाकिस्तान में हिंदू परिवार अपने घरों के भीतर रहकर ही अपने त्योहार मनाते हैं। उनका कहना है कि भारत में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यहां सभी धर्मों के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं। कविता के मुताबिक पाकिस्तान में सही तरह का व्यवहार ना होने की वजह से ही उनका परिवार 2010 में भारत आ गया था। उनका कहना है कि हम भारत के ही हैं और हमेशा यहीं रहेंगे। फिलहाल कविता के आवेदन के बाद जिलाधिकारी दीपक रावत की तरफ से इस मामले की जांच हो रही है। स्थानीय अभिसूचना इकाई भी मामले की जांच पड़ताल कर रही है। देखना है कि आगे क्या होता है।