image: uttarakhand four student eat posion after being fail in borad exam

उत्तराखंड: बोर्ड परीक्षा में फेल होने पर 4 छात्रों ने खाया जहर, 1 छात्रा की मौत

बोर्ड परीक्षा को लेकर जो हौव्वा बनाया गया है, वो आज भी छात्रों की जान ले रहा है...उत्तराखंड से एक दुखद खबर आ रही है।
May 31 2019 12:44PM, Writer:कोमल नेगी

समय बदल गया है, पढ़ाई के तौर-तरीकों में बदलाव आया है, लेकिन इसके बावजूद बोर्ड परीक्षा के तनाव और फेल होने की वजह से कई छात्र आज भी खुदकुशी कर लेते हैं। परीक्षा में असफलता को वो जिंदगी की असफलता मान बैठते हैं और जान देने तक से नहीं झिझकते। इस बार भी ऐसा ही हुआ, 30 मई को जैसे ही उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आया कई घरों में मातम पसर गया। खटीमा और अल्मोड़ा में फेल होने के बाद डिप्रेस्ड 4 छात्र-छात्राओं ने जहर गटक लिया। जिससे खटीमा के इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा की मौत हो गई, जबकि 3 छात्र अब भी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। 19 साल की शालू सक्सेना खटीमा के खेतलसंडा मुस्ताजर बूढ़ागांव की रहने वाली थी। वो जीबी पंत इंटर कॉलेज चकरपुर में 12वीं में पढ़ती थी। आगे पढ़िए

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गुरुवार को रिजल्ट आने के बाद उसे पता चला कि वो फेल हो गई है। तब से वो तनाव में थी। इसी बीच वो किसी को बिना बताए कमरे में चली गई और वहां रखी नुवान की शीशी गटक ली। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर गए लेकिन वो बच नहीं सकी। शालू की मौत के बाद घर में मातम पसरा है, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं खटीमा के खुदागंज गांव में भी ऐसा ही मामला सामने आया, जहां 17 साल के छात्र दीपक कुमार ने भी जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की। वो दसवीं का छात्र है और बोर्ड परीक्षा में फेल होने के बाद उसने ये आत्मघाती कदम उठाया। राहत वाली बात ये है कि दीपक कुमार को समय पर इलाज मिल गया, जिससे उसकी जान बच गई। अभी वो अस्पताल में भर्ती है, उसकी हालत खतरे से बाहर है। अल्मोड़ा में सिरकोट ताकुला के इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली इंटर की एक छात्रा ने भी फेल होने पर हाथ की नस काट ली। आगे पढ़िए

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इसके बाद उसने घर में रखा जहरीला पदार्थ गटक लिया। सोमेश्वर के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 10वीं की एक छात्रा ने भी फेल होने पर इसी तरह का आत्मघाती कदम उठाया। इन दोनों छात्राओं की हालत गंभीर है। उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बड़ा सवाल ये है कि आज भी बोर्ड परीक्षा और उसमें फेल हो जाने का डर छात्रों में क्यों बना हुआ है। फेल होने की संभवाना तो हर एग्जॉम में होती है, और जब तक हम असफल होंगे नहीं, तब तक सफलता का महत्व समझेंगे कैसे...आत्मघाती कदम उठाने वाले छात्र ऐसा करने से पहले एक बार भी अपने माता-पिता और उन लोगों के बारे में नहीं सोचते जो कि उनसे प्यार करते हैं। माता-पिता के लिए उनके बच्चे मायने रखते हैं, फिर चाहे वो सफल हों या नहीं...जिंदगी रही तो एग्जॉम देने और सफलता हासिल करने के मौके बहुत मिलेंगे, पर जिंदगी खत्म कर लेना तो किसी मुश्किल का हल नहीं।


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