image: advocate sanjay sharma darmora

देवभूमि का एक सीनियर एडवोकेट..जो अपने दम पर संवार रहा है पहाड़ में शिक्षा की तकदीर

बहुत कम लोग ऐसे हैं...जो बहुत कुछ करने के बाद भी चुप रहते हैं। वास्तव में ऐसे लोगों को समाज सेवा का वास्तविक अर्थ पता होता है। आइए आज संजय शर्मा दरमोड़ा के बारे में भी कुछ जान लीजिए...देखिए ये खास बातचीत
Jun 18 2019 6:05PM, Writer:आदिशा

ये बात सच है कि उत्तराखंड पलायन की मार से खाली हो गया। लेकिन ज़रा अपने मन को टटोलिए और खुद से एक सवाल पूछिए। सवाल ये...कि कितने ऐसे लोग हैं, जो पहाड़ छोड़कर देश विदेशों में अच्छी नौकरियों पर गए और वापस अपने गांव की तरफ लौटे? उत्तराखंड को वास्तव में ऐसे लोगों से काफी उम्मीदें हैं। आज हम ऐसे ही एक शख्स की कहानी आपको बताने जा रहे हैं। जो पेशे से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में वकील है लेकिन वो जानता है कि उसकी जड़ें कहां हैं। नाम है संजय शर्मा दरमोड़ा...रुद्रप्रयाग जिले के दरम्वाणी गांव का रहने वाला एक सीधा साधा लड़का। किस्मत उसे पहाड़ से दूर ले आई और अपने कभी न हार मानने वाले हौसले के दम पर वो सुप्रीम कोर्ट में वकील भी बने। इतने बड़े पद पर अगर कोई चला जाए, तो उसे क्या मतलब कि दूसरा किस तरह से जिंदगी जी रहा है। लेकिन संजय शर्मा दरमोड़ा जानते हैं दूसरे की मदद कर के ही जिंदगी की वास्तविकता को समझा जाता है। दिल्ली में रहने वाले न जाने कितने उत्तराखंड के लोग हैं, जिनके मदद के लिए वो हाथ आगे बढ़ा चुके हैं। न जाने कितने लोग हैं, जिनके लिए वो फ्री में केस लड़कर जीत दिला चुके हैं। आगे पढ़िए...

यह भी पढें - पहाड़ का होनहार...GATE परीक्षा पास की फिर भी बेच रहा है पकौड़े…पलायन नहीं करना
सबसे खास बात ये है कि जैसे जैसे संजय शर्मा दरमोड़ा जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए, वैसे वैसे उत्तराखंड अपने गांव की तरफ मुड़ने लगे। अपने गांव अपने लोगों के लिए कुछ अलग करने का ख्याल तो बहुत पहले से था लेकिन ये भी सच है कि बहुत कुछ बदलने के लिए आर्थिक रूप से भी मजबूत होना पड़ता है। आज संजय पहाड़ के कई स्कूलों के बच्चों के लिए देवदूत साबित हुए हैं। कहीं बच्चों के लिए स्कूल ड्रेस के इंतजाम करना, कहीं टेबल-कुर्सियां देना, कहीं स्मार्ट क्लासेज से बच्चों को जोड़ना, कहीं स्कूल के लिए क्लासरूम बनाना...ये सब कुछ संजय शर्मा दरमोड़ा की प्राथमिकताएं हैं। ये बात भी सच है कि किसी भी राज्य की आर्थिकी बदलने के लिए शिक्षा का उच्चस्तर जरूरी है। उसी पर संजय शर्मा दरमोड़ा का ध्यान है। पहाड़ के बच्चे पहाड़ में रहकर पढ़ाई करें और शहर के बच्चों की तरह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलें...इससे बेहतर क्या होगा। हर बार पहाड़ में आना, लोगों की मदद करना संजय शर्मा दरमोड़ा का शगल है। आगे देखिए पूरा साक्षात्कार..

यह भी पढें - देवभूमि के पूर्व फौजी को सलाम..युवाओं को दे रहे मुफ्त ट्रेनिंग, गरीबों के लिए बना रहे हैं शौचालय
आज आपको ये जानकर खुशी होगी कि संजय और उनकी टीम के द्वारा उत्तराखंडी लोक भाषाओं को सविधान की आठवीं अनुसूची मे शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं। इस मुहिम को उत्तराखंड के जन जन तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं। राज्य समीक्षा की कोशिश रहेगी कि आगे भी आपको संजय शर्मा दरमोड़ा की कई कहानियां बताएं... फिलहाल आप ये इंटरव्यू देख लीजिए

सब्सक्राइब करें -


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home