image: Pray for hawaldar rajendra singh

हवलदार राजेंद्र नेगी के लिए दुआ करें

गढ़वाल राइफल का जांबाज सलामत रहे..पिता के इंतजार में 3 बच्चे, पत्नी को कहा था- चिंता मत करना
Jan 13 2020 3:17PM, Writer:कोमल

गढ़वाल राइफल का जांबाज सपूत सलामत रहे...इस वक्त पूरा उत्तराखंड ये ही दुआ कर रहा है। ज़रा सोचिए कि उस परिवार पर क्या बीत रही होगी? जहां इकलौता कमाने वाला देश की रक्षा करते करते किसी संकट में फंस गया है। राजेंद्र सिंह नेगी ने साल 2002 में 11 गढ़वाल राइफल्स ज्वाॅइन की थी। जवान के तीन बच्चे हैं और वो आज अपने पिता की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। तीनों बच्चों की आंखें प्रार्थना के लिए हैं और उम्मीदें कायम हैं। जानकारी मिली है कि हवलदार राजेंद्र के तीन भाई और भी हैं। तीनों भाई मजदूरी करते हैं और परिवार में राजेन्द्र अकेले ही सरकारी नौकरी वाले हैं। पिता रतन सिंह नेगी भी घर में खेतीबाड़ी का काम करते हैं। पत्नी राजेश्वरी देवी ने बताया कि राजेंद्र ने आखिरी बार उन्हें 8 जनवरी को फोन किया था। थोड़ी सी बातचीत में राजेंद्र सिंह ने कहा था कि यहां बर्फबारी हो रही है। अगर दो-तीन फोन पर बात न कर सकूं तो चिंता मत करना। इसके बाद राजेंद्र सिंह का फोन नहीं आया।

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हवलदार राजेंद्र सिंह का परिवार प्रेमनगर स्थित सैनिक कॉलोनी में रहता है। वो मूलरूप से चमोली के पज्याणां गांव के रहने वाले हैं। जब से हवलदार राजेंद्र के लापता होने की खबर गांववालों को मिली है, गांववाले परेशान हैं। लोग उनकी कुशलता के लिए मां भराड़ी देवी के मंदिर में पूजा कर रहे हैं। राजेंद्र सिंह के भाई कुंदन सिंह और अवतार सिंह अपने पिता रतन सिंह के साथ देहरादून गए हैं। विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी जवान के परिजनों से मुलाकात की। गांववालों ने बताया कि राजेंद्र साल 2002 में सेना में भर्ती हो गए थे। उनका परिवार देहरादून में रहता है, फिर भी वो हर साल अपने गांव पज्याणां आते रहते थे। वो हंसमुख और मिलनसार स्वभाव के हैं, गांव वालों ने प्रदेश सरकार से लापता जवान की तलाश के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगने की अपील की।


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