उत्तराखंड में 13 साल के बच्चे का अनोखा आविष्कार, खुद तैयार कर दी इलेक्ट्रिक कार
दो महीने की मेहनत के बाद जब ये कार सड़क पर उतरी तो लोग इसे देखते ही रह गए....
Jan 15 2020 6:50PM, Writer:कोमल
प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। हरिद्वार के रहने वाले 13 साल के छात्र कन्हैया प्रजापति ने इस कहावत को सच साबित कर दिखाया। जिस उम्र में ज्यादातर बच्चे किताबों, मोबाइल और खेल के मैदान तक सिमटे रहते हैं, उस उम्र में कन्हैया ने एक शानदार कार तैयार की है। तस्वीर में जो कार आप देख रहे हैं, उसे कन्हैया ने बनाया है। कार दिखने में खूबसूरत है और साथ ही नेचर फ्रैंडली भी। क्योंकि ये कार पेट्रोल-डीजल से नहीं, बल्कि बैटरी से चलती है। 13 साल के कन्हैया प्रजापति और उनका परिवार भूपतवाला में रहता है। कन्हैया कक्षा 8 में पढ़ते हैं। वो कहते हैं कि पढ़ाई करने के बाद जो वक्त बच जाता है, उसका इस्तेमाल वो नई और अनोखी चीजें बनाने में करते हैं। बैटरी वाली कार तैयार करने के लिए उन्होंने किसी से मदद नहीं ली। यूट्यूब को अपना साथी बनाया और इस तरह बैटरी से चलने वाली कार तैयार हो गई।
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कन्हैया इलेक्ट्रिक रोबोट, हाइड्रोलिक जेसीबी, इलेक्ट्रिक रिमोट कंट्रोल कार और इलेक्ट्रिक साइकिल भी बना चुके हैं। इलेक्ट्रिक कार बनाने में उन्हें दो महीने का वक्त लगा। जिसकी लंबाई लगभग 5 फीट 5 इंच और चौड़ाई लगभग 2 फीट 5 इंच है। कार की ऊंचाई 4 फीट 6 इंच है। कार में इंडीकेटर, हॉर्न, शीशा और एलईडी लाइट का इस्तेमाल किया गया है। कार में रिवर्स और फॉरवर्ड की सुविधा है। कार में 230 वाट की चार बैटरी लगी हैं। जिनकी क्षमता 920 वाट है। कार की बॉडी प्लाइवुड से बनी है। दो महीने की मेहनत के बाद जब ये कार सड़क पर उतरी तो लोग इसे देखते ही रह गए। कन्हैया अपने नाना के घर में रहते हैं, वो बड़े होकर वैज्ञानिक बनना चाहते हैं। इलेक्ट्रिक कार बनाने वाले कन्हैया इन दिनों खूब चर्चा में हैं। सामाजिक संगठनों ने भी होनहार कन्हैया के प्रयास की तारीफ की और उन्हें आगे बढ़ने में हर संभव मदद का आश्वासन दिया