उत्तराखंड: सियाचीन में तैनात गढ़वाल के वीर सपूत की मौत, मां-पत्नी से किया था घर आने का वादा
हवलदार रमेश बहुगुणा ने मार्च में घर लौटने का वादा किया था। वो बच्चों के एडमिशन के लिए गांव आने वाले थे, पर अफसोस की रमेश अपना वादा निभा नहीं सके।
Feb 5 2020 3:01PM, Writer:komal
उत्तराखंड एक बार फिर शोक में है, सदमे में है...पहाड़ के एक और लाल ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। सियाचिन में तैनात जवान की अत्यधिक ठंड और ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई। मरने वाले जवान का नाम हवलदार रमेश बहुगुणा है। 38 साल के रमेश बहुगुणा टिहरी के चंबा ब्लॉक में पड़ने वाले साबली गांव के रहने वाले थे। जवान की मौत की खबर गांव पहुंचते ही वहां सन्नाटा पसर गया। परिजन रो-रोकर बेसुध हो गए हैं। हवलदार रमेश बहुगुणा तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। वो अपने पीछे दो छोटे बच्चों, पत्नी और मां को बिलखता छोड़ गए हैं। उनके भाई दिनेश बहुगुणा ने बताया कि रमेश के बहुत बीमार होने की सूचना मिलने पर वो चंडीगढ़ गए थे। वहां पता चला कि रमेश अब इस दुनिया में नहीं रहे। डॉक्टरों ने रमेश की मौत की वजह अत्यधिक ठंड और ऑक्सीजन की कमी होना बताई है।
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साबली गांव के रहने वाले रमेश बहुगुणा साल 2002 में महार रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। अगस्त 2019 में उनकी तैनाती सियाचिन में हुई थी। 31 जनवरी को जवान की तबियत बिगड़ गई थी। जिसके बाद 1 फरवरी को उन्हें चंडीगढ़ के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां तीन दिन बाद सोमवार को उनका निधन हो गया। जवान की मौत की खबर मिलते ही उनके घर और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। जवान की मां और पत्नी सदमे में हैं। हवलदार रमेश ने मार्च में बच्चों के एडमिशन के लिए घर आने का वादा किया था। दोनों छोटे बच्चे इस दुखद घटना से अनजान हैं, वो अब भी अपने पापा के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। रमेश का बेटा अभिनव पहली कक्षा में पढ़ता है, जबकि बेटी वैष्णवी एलकेजी में पढ़ती है। पति की मौत की खबर मिलते ही पत्नी लक्ष्मी बदहवास हालत में अपने बेटा और बेटी के साथ नई टिहरी से अपने घर साबली पहुंच गई। जवान के पार्थिव शरीर को गांव लाया जा रहा है। आज ऋषिकेश घाट पर हवलदार रमेश बहुगुणा का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।