उत्तराखंड: चलते चलते हवा में रुकी रोप-वे ट्रॉली, आधे घंटे तक 9 लोगों की अटकी रही सांस
मंगलवार को कुमाऊं मंडल विकास निगम के रोपवे में अचानक तकनीकी खराबी आ गई। जिस वजह से दो ट्रॉलियां हवा में अटक गई। दोनों ट्रॉलियों में कुल 9 लोग सवार थे, जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा...
Feb 5 2020 3:11PM, Writer:komal
रोपवे की सवारी हमें हवा से बात करने का मौका देती है, लेकिन इसमें जोखिम भी बना रहता है। डर भी लगता है। नैनीताल में रोपवे की सवारी कर रहे 9 लोगों के लिए उनका ये बुरा सपना हकीकत बन गया। कुमाऊं मंडल विकास निगम के रोपवे में अचानक तकनीकी खराबी आ गई थी। जिस वजह से दो ट्रॉलियां हवा में अटक गई। दोनों ट्रॉलियों में कुल 9 लोग सवार थे, जिनकी जान हलक में अटक गई। ट्रॉलियों में सवार लोगों में कुछ पर्यटक भी शामिल थे। सभी लोग करीब आधे घंटे तक हवा में ही लटके रहे। सभी को नीचे उतारने के लिए केएमवीएन ने रेस्क्यू अभियान चलाया। और ट्रॉली में रखी किट की मदद से सभी लोगों को सुरक्षित नीचे उतारा। तकनीकी गड़बड़ी दूर करने के बाद रोपवे का संचालन फिर शुरू कर दिया गया। घटना मंगलवार की है। शाम 4 बजे रोपवे का रेक्टीफायर शॉट हो गया था। जिसके बाद स्नोव्यू की तरफ आने-जाने वाली दो ट्रॉलियां रुक गईं। स्नोव्यू की तरफ जाने वाली ट्रॉली में इलाहाबाद के दंपति उनका बच्चा, ऑपरेटर अभिषेक बोरा समेत 8 लोग सवार थे। बताया जा रहा है कि दूसरी तरफ से आ रही ट्रॉली में सिर्फ ऑपरेशन भगवान साह थे।
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ट्रॉलियां हवा में अटकी तो लोगों की सांसें थम गईं। केएमवीएन प्रबंधन में हड़कंप मच गया। तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया और करीब आधे घंटे तक चले अभियान के बाद ट्रॉली में फंसे लोगों को सुरक्षित नीचे उतारा गया। आपको बता दें कि साल 1985 में बने इस रोपवे के उपकरणों समेत मशीन की आयु पूरी हो गई है। रोपवे की मरम्मत के लिए टेंडर हो चुका है। मरम्मत पर 1.32 करोड़ की लागत आएगी। जीएमवीएन अधिकारियों ने बताया कि रोपवे में ऑस्ट्रिया का ऑटोमेटेड सिस्टम लगा है। 20 सेफ्टी अलार्म लगे हैं। तकनीकी गड़बड़ी होने पर ट्रॉली रुक जाती है। साल 2018 में ही रोप बदली गई है। ये सवारियों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। रोपवे की मरम्मत के लिए गाजियाबाद की कंपनी के साथ 1.32 करोड़ का टेंडर हुआ है। अगले हफ्ते से मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। जिसके चलते रोपवे सेवा 20 दिन तक बंद रहेगी।