image: pregnant woman did not get stretcher died in pithoragarh hospital

उत्तराखंड : अस्पताल में नहीं मिला स्ट्रेचर, सीढ़ियों से गिरकर मर गई पहाड़ की ये मां

28 साल की रेनू रौतेला ने सुरक्षित प्रसव की लड़ाई तो जीत ली, लेकिन जिंदगी की जंग हार गई। एक स्ट्रेचर ना मिलने की वजह से रेनू की मौत हो गई...
Feb 6 2020 12:27PM, Writer:कोमल नेगी

सुरक्षित प्रसव हर महिला का अधिकार है, पर पहाड़ में अधिकार की ये बातें बेमानी लगती हैं। गांव में सुरक्षित प्रसव के लिए महिलाओं और उनके परिजनों को कठिन संघर्ष करना पड़ता है। इसके बावजूद इलाज के अभाव में प्रसूताएं दम तोड़ देती हैं। पिथौरागढ़ में भी ऐसा ही हुआ, जहां 28 साल की रेनू रौतेला ने सुरक्षित प्रसव की लड़ाई तो जीत ली, लेकिन जिंदगी की जंग हार गई। एक स्ट्रेचर ना मिलने की वजह से रेनू की मौत हो गई। उसकी नन्हीं बच्ची का पूरा जीवन अब मां के आंचल के बिना ही बीतेगा। घटना शनिवार की है। बागेश्वर की रहने वाली रेनू रौतेला को उनके परिजन जिला अस्पताल लेकर आए थे। रेनू प्रेग्नेंट थी। उनका परिवार नरगोली इलाके में रहता है। गुरुवार को रेनू ने ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया। तीन दिन तक वो महिला वार्ड में भर्ती रही। शनिवार को अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें दूसरे वार्ड में जाने के लिए कह दिया।

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दूसरे वार्ड तक जाने के लिए रेनू को स्ट्रेचर की जरूरत थी, वो बेहद कमजोर हो गईं थीं, लेकिन उसे स्ट्रेचर नहीं मिला। वो पैदल ही दूसरे वार्ड में जाने लगीं। जो कि अस्पताल भवन के निचले वार्ड में था। इसी दौरान रेनू सीढ़ियों से गिर गई। थोड़ी देर बाद रेनू की मौत हो गई। रेनू के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि रेनू की हालत खराब थी, फिर भी अस्पताल प्रबंधन ने उसे ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं दिया। जिस वजह से रेनू की जान चली गई। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में रोगियों की संख्या ज्यादा थी, जिस वजह से महिला को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा था। महिला की मौत घबराहट की वजह से हुई। घबराहट के चलते महिला सीढ़ियों से गिर गई थी। उसके हृदय और किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि आखिर कब तक पहाड़ के लोग इलाज के अभाव में अपनी जान देते रहेंगे। सुविधाओं और डॉक्टरों के अभाव में अस्पताल शोपीस बनकर रह गए हैं, जिसकी कीमत लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है।
पहाड़ की इसी घोर समस्या पर राज्य समीक्षा द्वारा एक वीडियो भी तैयार किया गया था। आप भी देखिए...

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