उत्तराखंड में भूकंप, घरों से बाहर निकले लोग..सच साबित हो रही है वैज्ञानिकों की रिसर्च!
सुबह साढ़े छह बजे जब लोगों की आंख खुली तो उन्हें अपने पैरों तले जमीन सरकती सी महसूस हुई। डरे हुए लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके पिथौरागढ़ से लेकर नैनीताल जिले तक महसूस किए गए...
Feb 8 2020 12:40PM, Writer:komal
उत्तराखंड में लगातार महसूस हो रहे भूकंप के हल्के झटके आने वाली बड़ी तबाही का संकेत हैं। शनिवार सुबह कुमाऊं मंडल की धरती एक बार फिर डोल गई। सुबह साढ़े छह बजे जब लोगों की आंख खुली तो उन्हें अपने पैरों तले जमीन सरकती सी महसूस हुई। डरे हुए लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके पिथौरागढ़ से लेकर नैनीताल जिले तक महसूस किए गए। फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.7 आंकी गई है। इसका केंद्र बागेश्वर जिले का गोगिना क्षेत्र था। गोगिना पिथौरागढ़-बागेश्वर जिले की सीमा में बसा एरिया है। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि बागेश्वर जिला प्रशासन ने भूकंप से किसी तरह का नुकसान ना होने की बात कही है। आगे जानिए कि उत्तराखंड में लगातार आ रहे भूकंप को लेकर वैज्ञानिकों का क्या कहना है।
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वहीं रुद्रपुर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अमित कुमार ने कहा कि जिले में फिलहाल भूकंप की कोई सूचना नहीं है, तहसील क्षेत्रों से जानकारी इकट्ठा की जा रही है। आपको बता दें कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। हमारा प्रदेश भूकंप के अति संवेदनशील जोन पांच और संवेदनशील जोन चार में आता है। प्रदेश के जो जिले अति संवेदनशील जोन पांच में आते हैं, उनमें रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी शामिल हैं। जोन चार में आने वाले जिले ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी और अल्मोड़ा हैं। हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट के टकराने की वजह से जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है, जिस वजह से भूकंप आते हैं। पिछले कुछ समय से प्रदेश में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं, जिसका मतलब ये है कि भूगर्भ में तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है। इससे पहले वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक भी कह चुके हैं कि तिब्बत से लेकर पूरे उत्तराखंड क्षेत्र पर मेगा अर्थक्वैक का खतरा मंडरा रहा है। लंबे वक्त से भूगर्भ में इकट्ठा हो रही ऊर्जा कभी भी महाभूकंप का सबब बन सकती है।