पहाड़ की पीड़ा: घास काटते वक्त घायल हुई महिला, कंधे पर लेकर 12 KM पैदल चले लोग
चमोली में घायल महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने 12 किलोमीटर का सफर बर्फीले रास्ते पर पैदल चलकर तय किया। गांव में सड़क नहीं है, सड़क स्वीकृत हुए 10 साल हो चुके हैं, पर सड़क अब तक बनी नहीं।
Feb 12 2020 11:54AM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ के लोगों की जिंदगी पहाड़ सी कठिन है। लोगों को सड़क, पेयजल और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए भी जूझना पड़ रहा है। यहां अधिकार और विकास जैसी बातें अब भी बेमानी सी लगती हैं। विषम भौगोलिक परिस्थितियां और उस पर सिस्टम की उपेक्षा के चलते कोढ़ में खाज जैसे हालात बने हुए हैं। दुश्वारियों की ऐसी ही दिल तोड़ने वाली एक तस्वीर चमोली के किमाणा गांव से आई है। जहां एक घायल महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को 12 किलोमीटर का सफर बर्फीले रास्ते पर चलकर तय करना पड़ा। किमाणा गांव जोशीमठ विकासखंड के अंतर्गत आता है। रविवार को गांव में रहने वाली गायत्री देवी जंगल में घास लेने गई थी। इसी दौरान पैर फिसलने की वजह से वो गिर गई। महिला ने पूरी रात कराहते हुए काटी। आगे पढ़िए
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सोमवार सुबह ग्रामीणों ने घायल महिला को कुर्सी में बैठाया और अस्पताल के लिए निकल पड़े। छह घंटे बर्फीले रास्ते पर लगातार पैदल चलने के बाद कहीं जाकर ग्रामीण लंगसी गांव पहुंचे। बाद में महिला को वाहन से गोपेश्वर भेजा गया, जो कि लंगसी से 40 किलोमीटर दूर है। किमाणा गांव में सड़क होती तो लोगों को पैदल चलने को मजबूर ना होना पड़ता। गांव में सड़क स्वीकृत हुए दस साल हो गए हैं, लेकिन सड़क निर्माण के नाम पर अभी तक सिर्फ रोड कटिंग का काम ही हो पाया है। बर्फबारी की वजह से पैदल रास्ता जानलेवा बना हुआ है। वहीं लोनिवि अधिकारियों का कहना है कि गांव में सड़क कटिंग का काम पूरा हो गया है। सड़क निर्माण का काम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत होना है, जिसके लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।