पहाड़ में DM हों तो ऐसे, IAS मंगेश घिल्डियाल की लीडरशिप में रुद्रप्रयाग बना नंबर-1
रुद्रप्रयाग जिले के स्वास्थ्य विभाग ने एक बेहद अहम उपलब्धि प्राप्त की है। इस उपलब्धि का पूर्ण श्रेय जाता है डीएम मंगेश घिल्डियाल (IAS Mangesh Ghildiyal) को।
Mar 6 2020 8:22AM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड राज्य ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में वो कमतर नहीं है। रुद्रप्रयाग जिले के स्वास्थ्य विभाग ने एक बेहद अहम उपलब्धि प्राप्त की है। अब रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा जिला बन गया है जहाँ प्रसव के दौरान मातृ व शिशु दर शून्य रही। अर्थात किसी गर्भवती महिला के प्रसव के दौरान एक भी माँ एवं शिशु की मृत्यु नहीं हुई है। आज जहां पूरे देश में स्वास्थ्य को लेकर चिंताजनक हालत हैं, वैसे जटिल समय मे रुद्रप्रयाग से आयी इस संतोषजनक ख़बर ने लोगों के बीच एक अविस्मरणीय उदाहरण पेश किया है। इस उपलब्धि का पूर्ण श्रेय जाता है डीएम मंगेश घिल्डियाल (IAS Mangesh Ghildiyal) को। उनकी ही पहल के तहत स्वास्थ्य विभाग ने " माँ " नाम से एक एप्लिकेशन की प्रयोगिक तौर पर शुरू की थी। इस एप्लिकेशन के तहत जो भी गर्भवती स्त्रियाँ हाई रिस्क पर थीं, उनके ऊपर सख़्त नज़र रखी और उनके स्वास्थ्य के ऊपर भी ध्यान दिया गया। इस पहल के परिणाम संतोषजनक हैं और बहुत से लोगों के लिए जीवंत उदाहरण हैं।
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स्वास्थ्य विभाग इस सफलता के बाद और जोश से काम कर रहा है और यह पूर्ण प्रयास कर रहा है कि भविष्य में भी मातृ व शिशु मृत्यु दर शून्य रहे। डीएम मंगेश घिल्डियाल (IAS Mangesh Ghildiyal) ने साबित कर दिया कि अगर किसी चीज़ को करने का जुनून और इच्छाशक्ति आपके अंदर हो तो मुश्किल से मुश्किल समस्याएं भी आपकी राह में बाधा नहीं बन सकतीं। केवल स्वास्थ्य के मामले में ही नहीं, बल्कि शिक्षा के मामले में भी उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला सबसे आगे चल रहा है। पिछली बार हुईं बोर्ड परीक्षाओं में पूरे उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग ही ऐसा जिला था, जहां छात्रों का पासिंग पर्सेंटेज सबसे ऊपर रहा था। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने ये साबित करदिया की सही सोच और सही दिशा की ओर किया गया कार्य सर्वदा विकास की ओर आगे बढ़ता है।