पौड़ी गढ़वाल की बेटी याशिका को बधाई, भारतीय सेना में कमीशन लेकर बनी अफसर
पौड़ी की रहने वाली याशिका नयाल हमेशा से सेना में जाने का सपना देखा करती थीं, इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की और आखिरकार सपने को सच कर दिखाया...
Mar 7 2020 7:08PM, Writer:कोमल नेगी
वीर भूमि उत्तराखंड...यहां के बेटे ही नहीं बेटियां भी देश सेवा में अपना अहम योगदान दे रही हैं। सेना में भर्ती होकर उत्तराखंड का मान बढ़ा रही हैं। इन बेटियों में अब पौड़ी की याशिका नयाल का नाम भी शामिल हो गया है। याशिका नयाल ने सेना में अफसर बन उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। महिला दिवस के मौके पर मिली इस खबर ने हर पहाड़वासी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। याशिका बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना देखा करती थीं। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की और आखिरकार इसे हकीकत में बदलने में सफल रहीं। पासिंग आउट परेड में जब उनके माता-पिता बेटी के कंधों पर सितारे सजा रहे थे, तो याशिका के चेहरे की चमक देखने लायक थी। हो भी क्यूं न... उत्तराखंड की इस बेटी की आँखों ने बचपन में जो सपना देखा था, वो आज सच हो रहा था।
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याशिका नयाल मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली हैं। पौड़ी के चलणस्यू पट्टी में एक गांव है भैंसकोट, याशिका का परिवार इसी गांव से ताल्लुक रखता है। सेना में कमीशन हासिल करने पर याशिका का कहना है कि उन्हें बचपन से ही सेना में जाने का शौक था, जो आज पूरा हो गया। याशिका की सफलता पहाड़ की दूसरी बेटियों को भी सेना ज्वाइन करने के लिए प्रेरित करेगी। बता दें कि अब तक सेना में महिला अफसरों को स्थायी नियुक्ति नहीं मिल पाती थी। सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत नौकरी करने वालीं महिला अफसरों को 14 साल की नौकरी के बाद वापस भेज दिया जाता था। जिस वजह से उन्हें पेंशन और दूसरी सुविधाओं का फायदा नहीं मिल पाता था। लेकिन अब सेना में महिला अफसरों के सिए स्थायी कमीशन की राह खुल गई है। जिसके बाद सेना शिक्षा कोर, सिग्नल, मैकेनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर, आर्मी एयर डिफेंस और इंटेलिजेंस कोर में कार्यरत महिला अधिकारी भी स्थायी कमीशन हासिल कर सकेंगी। उन्हें पेंशन संबंधी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। पेंशन के लिए अफसरों का 20 साल और जवान के लिए 15 साल तक नौकरी करना अनिवार्य है।