image: state government provided five lakh help to victim family

पहाड़ के दिलबर नेगी की दिल्ली में हत्या, इसके बाद क्या हुआ..जरा समझ लीजिए

सोशल मीडिया पर उत्तराखंड सरकार के जनप्रतिनिधियों की फोटो वायरल हो रही है। इस फोटो में सरकार के कारिंदे दिल्ली दंगों में मारे गए दिलबर सिंह की माता को 5 लाख का चेक देते दिख रहे हैं, लेकिन इन लोगों के चेहरे पर अफसोस कहीं नजर नहीं आया....
Mar 18 2020 12:43AM, Writer:स्टोरी साभार-डॉ. मोहन पहाड़ी

दिलबर सिंह...पहाड़ का रहने वाला 22 साल का ये लड़का रोजगार के लिए दिल्ली गया था। वहां कुक की नौकरी कर रहा था। कुछ दिन पहले दिल्ली में हुए दंगों में दिलबर सिंह की मौत हो गई थी। दिलबर की मौत पर पहाड़वासियों ने दुख जताया। दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवार की मदद भी की। मदद उत्तराखंड सरकार ने भी की, लेकिन ये मदद कम, चेहरा चमकाने की कोशिश ज्यादा रही। सोशल मीडिया पर उत्तराखंड सरकार के जनप्रतिनिधियों की फोटो वायरल हो रही है। इस फोटो में सरकार के कारिंदे दिलबर सिंह की माता को 5 लाख का चेक देते दिख रहे हैं, लेकिन इन लोगों के चेहरे पर अफसोस कहीं नजर नहीं आया। मानों चेक देकर पीड़ित परिवार पर एहसान कर रहे हों, इस एहसान का ढिंढोरा भी खूब पीटा गया। अखबारों में फोटो छपवाई गईं, सोशल मीडिया पर भी खुद की खूब तारीफ करा ली, पर इस एक तस्वीर ने उत्तराखंड के जनप्रतिनिधियों का संवेदनहीन चेहरा भी सामने ला दिया। दिल्ली सरकार ने जब दिलबर के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता दी थी, तब ये राशि सीधे बैंक अकाउंट में जमा कराई गई थी। कोई तस्वीर नहीं, कोई तमाशा नहीं। वहीं जब स्थानीय विधायक और मंत्री 5 लाख की सहायता का चेक देने दिलबर के घर पहुंचे तो साथ में पार्टी कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की पूरी फौज थी। चेक देकर पीड़ित परिवार के साथ फोटो खिंचवाने का सिलसिला लगातार जारी रहा, लग रहा था दिलबर का गरीब परिवार असहज महसूस कर रहा है।

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रविवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री और श्रीनगर विधायक डॉ. धन सिंह रावत रोखड़ा गांव आए थे, जहां उन्होंने दिलबर सिंह के परिवार को आर्थिक सहायता दी। साथ में सहकारी संघ के उपाध्यक्ष मातबर सिंह रावत, जिलाध्यक्ष बीजेपी संपत सिंह रावत, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक नरेंद्र सिंह रावत भी थे, लेकिन सहायता चेक देने के दौरान जनप्रतिनिधियों ने जो हरकतें की, उसकी सोशल मीडिया पर खूब निंदा हो रही है। लोगों तो यहां तक कह रहे हैं कि दिलबर की माता के आंसू रुक नहीं रहे थे, जबकि नेता और उनके साथ आए कार्यकर्ता मोबाइल से फोटो खींचने में व्यस्त रहे। ये शर्मनाक है। आपको बता दें कि दिल्ली में रहने वाले दिलबर सिंह की दंगों में मौत हो गई थी। दंगाइयों ने दिलबर पर उस समय अचानक हमला कर दिया, जब वह गोदाम में सो रहा था। पहाड़ के सीधे-सादे दिलबर को दंगाइयों ने बेहरमी से मारा। उसके दोनों हाथ काट दिए और उसे जिंदा जला दिया। दिलबर के चले जाने के बाद उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों ने कहा कि कहने को उन्हें मुआवजा मिला है, लेकिन यह मुआवजा एक इंसान की कमी को कभी पूरा नहीं कर सकता। जनप्रतिनिधियों के शर्मनाक रवैये ने इस परिवार की तकलीफ को और बढ़ा दिया है।
स्टोरी साभार-डॉ. मोहन पहाड़ी


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