पहाड़ में जमातियों की खोज, टिहरी-उत्तरकाशी बॉर्डर सील..कई गांव अलग-थलग पड़े
उत्तरकाशी में 13 जमातियों के पकड़े जाने के बाद टिहरी प्रशासन ने उत्तरकाशी-टिहरी को जोड़ने वाले रास्ते को बंद कर दिया। गाजणा पट्टी के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं, क्योंकि लंबगांव ही उनका मुख्य बाजार हुआ करता था...
Apr 6 2020 5:14PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ में भी तबलीगी जमातियों की खोज हो रही है। जगह जगह तलाशी ली जा रही हैष टिहरी का लंबगांव...अब इस गांव में बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री बैन हो गई है। यहां प्रशासन ने सीमा को सील कर दिया है। लंबगांव के चवाड़गाड़ में सड़क और पुल पर पत्थर बिछाकर रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया गया। ऐसा क्यों करना पड़ा, ये भी आपको बताते हैं। लंबगांव टिहरी और उत्तरकाशी की सीमा पर बसा है। पिछले दिनों उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में 13 जमाती पकड़े गए थे, जिसके बाद लंबगांव के लोग भी डरे हुए हैं। उत्तरकाशी में छिपे लोग टिहरी में दाखिल हो सकते हैं, जिस वजह से टिहरी डीएम ने उत्तरकाशी की सीमा को सील करने का निर्णय लिया। लंबगांव से उत्तरकाशी की दूरी महज 53 किलोमीटर है। सीमा सील होने से कई गांवों का एक-दूसरे से संपर्क टूट गया है। आगे पढ़िए
जमातियों ने दी टेंशन
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आप समझ सकते हैं कि उत्तराखँड में जमातियों ने किस तरह से आतंक मचाया है। खबर है कि प्रतापनगर क्षेत्र के उपली रमोली का संपर्क बाजार से कट गया है। वैसे उपली रमोली के लोग जरूरी सामान के लिए सेरा-मोल्या-उनालगांव मोटर मार्ग से आवाजाही कर सकते हैं, लेकिन दिक्कत ये है कि यह रास्ता अभी निर्माणाधीन है। लंबगांव की सीमा सील होने से प्रतापनगर के उपली रमोली क्षेत्र के साथ-साथ उत्तरकाशी की गाजणा पट्टी के लोगों की मुश्किलें भी बढ़ी हैं। उनका भी मुख्य बाजार से संपर्क कट गया है।
कोरोना से डरे सभी लोग
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गाजणा पट्टी के लोग अपनी हर जरूरत के लिए लंबगांव पर निर्भर हैं, क्योंकि लंबगांव ही उनका मुख्य बाजार है। सीमा सील होने से गांव में खाद्यान्न और जरूरी सामान की आपूर्ति नहीं हो रही। लोग परेशान हैं। सीमा सील होने की वजह से गाजणा पट्टी के लोग अपने गांव-घरों में कैद होकर रह गए हैं।