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उत्तराखंड: लॉकडाउन में SI निशा का नेक काम, गर्भवती महिला को अपना खून देकर बचाई जान

उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand police) की एसआई निशा ने गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान बचा कर नेक काम को अंजाम दिया है। पढ़िये मानवता का संदेश देती ये खबर
Apr 15 2020 3:43PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand police) का स्लोगन है- मित्रता सेवा सुरक्षा। राज्य की सेवा और सुरक्षा तो उत्तराखंड पुलिस बेहतरीन ढंग से कर ही रही है, साथ ही साथ मित्रता में भी हर रोज नई-नई मिसाल पेश कर रही है। उत्तराखंड पुलिस इस कठिन समय मे जरूरतमंद लोगों की मदद करके मानवीयता का उदाहरण दे रही है। हाल ही में बागेश्वर जिले से एक खबर सामने आयी है जिसमें पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भले ही कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो उत्तराखंड पुलिस नेक काम करने में कभी पीछे नहीं रहेगी। बागेश्वर की महिला एसआई ने एक गर्भवती को रक्त दान करके उसको और उसके शिशु को जीवन दान दिया है। समय रहते रक्त मिल जाने की वजह से गर्भवती की जान बच पाई और महिला एसआई की बदौलत ही वो एक स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दे पाई है। आगे पढ़िए

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एसआई निशा जिन्होंने एक साथ दो जान बचाने का पुण्य काम किया है, वो बागेश्वर जिले में तैनात हैं। निशा ने अंतिम वक्त पर गर्भवती को रक्त दान करके एक नया जीवन प्रदान किया है और उसके बच्चे के लिए भी वह जीवनदायिनी बनकर सामने आई हैं। बच्चे और मां को सही सलामत देख कर गर्भवती के परिजनों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी है और उन्होंने एसआई निशा पांडे का शुक्रिया अदा किया है। निशा पांडे वर्तमान में बागेश्वर पुलिस में बतौर एसआई कार्यरत हैं और मूल रूप से बागेश्वर जिले के कौसानी की रहने वाली हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कपकोट तहसील निवासी गीता देवी गर्भवती थी और उनका प्रसव नजदीक था। जब उनको प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो परिजन उन्हें तुरन्त ही 108 सेवा की मदद से जिला अस्पताल लेकर गए। आगे पढ़िए

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अस्पताल में पहुंच कर जब गीता देवी की जांच हुई तो पता लगा कि उनका हेमोग्लोबिन काफी कम है जिस वजह से प्रसव में परेशानी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टरों ने परिजनों को रक्त की व्यवस्था करने को कहा। परिजनों ने अपने रिश्तेदारों और जानने वालों से मदद की गुहार लगाई। इस बात की जानकारी जिले की रेडक्रॉस सोसाइटी को मिली तो उन्होंने ट्विटर पर यह बात साझा कि ताकि जल्द ही गर्भवती महिला को मदद मिले। ट्विटर पर सूचना मिलते ही एसआई निशा पांडे तुरन्त ही जिला अस्पताल पहुंची और एक यूनिट ब्लड डोनेट किया। उनके इस कार्य से गीता के साथ ही उसके बच्चे की जान बच गयी। कुछ ही समय बाद निशा पांडे की बदौलत अस्पताल में गीता के द्वारा पैदा किये गए बच्चे की किलकारियां गूंजने लगीं। गीता के परिजनों और अस्पताल के स्टाफ द्वारा उत्तराखंड पुलिस की (Uttarakhand police) एसआई निशा पांडे के इस नेक काम को बहुत सराहा जा रहा है।


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