उत्तराखंड: 9 नेपाली मजदूर नदी पार कर नेपाल पहुंचे, लेकिन घर नहीं पहुंच पाए
धारचूला के राहत कैंप में 327 मजदूर रह रहे हैं। प्रशासन और एनएचपीसी नेपाली नागरिकों को खाने-रहने की अच्छी सुविधा दे रहे हैं, लेकिन इनके मन में यही कसक है कि नेपाल सरकार उन्हें वापस ले जाने को तैयार नहीं है...
Apr 23 2020 11:52AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड का सीमांत जिला पिथौरागढ़। कल यहां एसएसबी ने 13 नेपाली मजदूर पकड़े थे। ये लोग टायर ट्यूब के जरिए काली नदी पार कर नेपाल भागने की फिराक में थे, लेकिन इससे पहले ही पकड़े लिए गए। एसएसबी और पुलिस राहत की सांस ले रही थी कि तभी एक ऐसी खबर आ गई, जिसने प्रशासन के होश उड़ा दिये। यहां धारचूला में राहत कैंप में रह रहे 9 नेपाली मजदूर काली नदी पार कर नेपाल पहुंच गए। ये खबर फैलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। नेपाली मजदूर पिछले 26 दिन से धारचूला के राहत कैंप में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि सुबह नेपाली मजदूर शौच जाने के बहाने निकले थे। इसी बीच जवानों को चकमा देकर काली नदी में कूद गए और तैरकर नदी पार कर ली। पुलिस के जवान उन्हें पकड़ पाते, इससे पहले ही सभी नेपाल पहुंच गए।
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खैर नेपाल पहुंचने के बाद भी ये लोग अपने घर नहीं पहुंच सके। नेपाल पुलिस ने सभी मजदूरों को हिरासत में लेकर क्वारेंटाइन कर दिया है। इससे पहले भी 3 नेपाली मजदूर काली नदी पार कर नेपाल भाग चुके हैं। इन मामलों से सबक लेते हुए पुलिस ने अब राहत कैंप में ताला लगा दिया है। फिलहाल सभी नेपाली नागरिकों को धारचूला के जवाहर सिंह स्टेडियम में बने राहत कैंप में रखा गया है। धारचूला के राहत कैंप में 327 मजदूर रह रहे हैं। लॉकडाउन के बाद भारत-नेपाल को जोड़ने वाला झूलापुल बंद है। धारचूला प्रशासन और एनएचपीसी नेपाली नागरिकों को खाने-रहने की अच्छी सुविधा दे रहे हैं, लेकिन इनके मन में यही कसक है कि नेपाल सरकार उन्हें वापस ले जाने को तैयार नहीं है। घर पहुंचने की चाह में कई लोग जान जोखिम में डालकर नदी को तैरकर पार कर रहे हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने लोगों के स्टेडियम से बाहर जाने पर रोक लगा दी है।