देखिए गढ़वाली शॉर्ट फिल्म ‘कोरोना भगावा’..आजकल पहाड़ के हर गांव में ऐसा हो रहा है
कोरोना को हराने के लिए गीत गाए जा रहे हैं, संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं, पर ये संदेश अपनी बोली-भाषा में हों तो ज्यादा बेहतर है। गढ़वाली शॉर्ट फिल्म ‘कोरोना भगावा’ एक ऐसा ही शानदार प्रयास है...
Apr 23 2020 7:25PM, Writer:कोमल नेगी
कोरोना वायरस...दहशत का दूसरा नाम। 3 महीने पहले तक किसने सोचा था कि एक वायरस दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी को घरों में लॉक कर देगा। पर ऐसा हुआ। कोरोना से बचाव का एक ही तरीका है और वो है जागरुकता। कोरोना को हराने के लिए अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं। गीत गाए जा रहे हैं, संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं, पर ये संदेश अपनी बोली-भाषा में हों तो ज्यादा बेहतर है। गढ़वाली शॉर्ट फिल्म ‘कोरोना भगावा’ एक ऐसा ही शानदार प्रयास है। राज्य समीक्षा और केदारघाटी मंडाण सांस्कृतिक साहित्यिक ट्रस्ट गुप्तकाशी की बनाई ये शॉर्ट फिल्म 12 मिनट 41 सेकेंड में आपके हर सवाल का जवाब देती है। इसकी कहानी एक ऐसे शख्स से जुड़ी है, जो शहर से किसी तरह अपने गांव लौट आता है। यहां उसे किस तरह की सावधानियां बरतनी होती हैं, क्वारेंटीन सेंटर में क्या होता है, अगर आप इस बारे में नहीं जानते तो ये शॉर्ट फिल्म जरूर देखें। आगे देखिए वीडियो
इस फिल्म में कोरोना से जुड़े हर सवाल का जवाब है। ये कहानी आपकी-हमारी किसी की भी हो सकती है, इसलिए इससे आप एक अलग तरह का कनेक्शन महसूस करेंगे। लॉकडाउन के चलते गांवों के क्या हाल हैं, लोग कितने जागरूक हैं, प्रशासन की तरफ से क्या इंतजाम किए गए हैं, फिल्म में इसके बारे में भी बताया गया है। बस यूं समझ लो एकदम सहज अभियान है, लगेगा ये कहानी आपके अपने आस-पास की है। शॉर्ट फिल्म ‘कोरोना भगावा’ को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हजारों बार देखा-सराहा जा चुका है। इसका वीडियो आपको दिखाएंगे, पर सबसे पहले उन लोगों के बारे में जान लेते हैं, जिन्होंने इसे तैयार करने में खूब मेहनत की है। डायरेक्शन आचार्य कृष्णानंद नौटियाल का है, सुरेन्द्र दत्त नौटियाल ने अपनी स्क्रिप्टिंग से इस फिल्म में चार चांद लगाए हैं। कांसेप्ट और स्टोरी क्रेडिट सुरेंद्र दत्त नौटियाल को जाता है। आचार्य कृष्णानंद नौटियाल, सुरेंद्र दत्त नौटियाल, राहुल गौड़ और प्रियंका नौटियाल गौड़ का अभिनय इस फिल्म की जान है। आगे देखिए फिल्म
एडिटिंग क्रेडिट शैलेश नौटियाल को जाता है। इस फिल्म की एक और खास बात है, और वो ये है कि इसे शूट करते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया है। आज हम सब कोरोना से लड़ रहे हैं, इसलिए इस फिल्म के जरिए दिया गया संदेश हर पहाड़ी तक जरूर पहुंचना चाहिए। हमारी आपसे अपील है कि वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि लोग जागरूक हों। कोरोना की गंभीरता को समझें, सेल्फ क्वारेंटीन होने के महत्व को जानें। आगे देखें वीडियो...