उत्तराखंड के रोशन रतूड़ी ने वादा निभाया, ऋषिकेश में हुआ कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार
दुबई में हार्ट अटैक से मरने वाले 25 साल के कमलेश भट्ट को आज परिजनों ने अंतिम विदाई दी। ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर कमलेश का अंतिम संस्कार किया गया...
Apr 27 2020 3:35PM, Writer:कोमल नेगी
अपने जीते जी संतान को खो देना माता-पिता के जीवन का सबसे बड़ा दुख होता है। टिहरी गढ़वाल का रहने वाला एक परिवार इस वक्त इसी दुख और पीड़ा से गुजर रहा है। दुबई में हार्ट अटैक से मरने वाले 25 साल के कमलेश भट्ट को आज परिजनों ने अंतिम विदाई दी। ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर कमलेश का अंतिम संस्कार हुआ। कमलेश भट्ट अपने परिवार की जिंदगी संवारने के लिए विदेश गया था, पर किसे पता था कि अब वो जिंदा वापस नहीं लौटेगा। भला 25 साल भी कोई उम्र होती है दुनिया छोड़ने की। यही नहीं कमलेश के परिवारवालों को दोहरे दुख का सामना करना पड़ रहा था। परदेस में बेटे की मौत का दुख तो था ही, भारत से शव को दोबारा दुबई लौटा दिया गया था। परिजनों को लगा कि अब वो लाल के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाएंगे, पर भला हो समाजसेवी रोशन रतूड़ी का। जिनकी कोशिशों की बदौलत कमलेश भट्ट का पार्थिव शरीर किसी तरह दोबारा भारत लाया जा सका।
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बीती रात शव दिल्ली पहुंचा। जहां से शव को एंबुलेंस के जरिए ऋषिकेश लाया गया। ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर कमलेश का अंतिम संस्कार हुआ। परिजनों ने गमगीन माहौल में कमलेश को अंतिम विदाई दी। लॉकडाउन के चलते अंतिम संस्कार के वक्त लोग सीमित संख्या में मौजूद थे। आपको बता दें कि नई टिहरी के सकलाना पट्टी के सेमवाल गांव में रहने वाला 25 वर्षीय कमलेश भट्ट दुबई में जॉब करता था। 16 अप्रैल को हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। दुबई से बमुश्किल भारत आए कमलेश के शव को विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को वापस लौटा दिया था। तब से कमलेश के परिजन सदमे में थे। समाजसेवी रोशन रतूड़ी और उत्तराखंड सरकार की मदद से रविवार को कमलेश का शव एक बार फिर भारत लाया गया। सोमवार को ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर कमलेश का अंतिम संस्कार हुआ।