चमोली जिले में ये क्या हो रहा है ? खनन में नियम तक पर?..ऊपर से पटवारी जी का ज्ञान
पटवारी साहब का भी सीमांकन ज्ञान गजब का निकला..साहब नदी किनारे पड़े पत्थरो के ऊपर ही चूना पोतकर सीमांकन की इतिश्री कर गए।
May 6 2020 4:51PM, Writer:थराली से मोहन गिरी की रिपोर्ट
इसी वर्ष मार्च माह के पहले पखवाड़े में शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने पिंडर नदी के तीन स्थानों पर नदी के तल पर बिखरे पड़े रेत-बोल्डरों को हटाने के लिए रीवर ट्रेनिंग की बोलियां आमंत्रित की। बोली के दौरान सभी उपस्थित लोगों तब दंग रह गए, जब बोली तय बोली से तीनों ही स्थानों की 10 से 20 गुना अधिक की आई। इससे आशंका होने लगी की कहीं प्रशासन ने खनन कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए आंकलन कहीं गलत तो नहीं किया गया था। बहरहाल बोली के बाद नदी के आरबीएम को कोरोनावायरस के कारण जारी तीसरे लाॅक डाउन के दौरान पिछले सप्ताह ही उठाने के लिए खनन कारोबारी को आज्ञा पत्र दे दिया गया। कारोबारी इस को उठाने के लिए भी तैयार हो गए। आगे भी पढ़ लीजिए ये खबर
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प्रशासन ने भी किसी तरह की ना-नुकुर नही की, किंतु इसी दौरान स्थानीय कास्तकारो व मीडिया ने खनन स्थल थराली के नगरकोटियाणा एवं मल्लाबगड़ खनन स्थलों का सीमांकन ना किए जाने का मामला जोरों पर उठाया। तो प्रशासन को अपनी बड़ी भूल का एहसास हुआ और आनन-फानन में पटवारियों को भेज कर कथित सीमांकन कर दिया गया। पटवारी साहब का भी सीमांकन ज्ञान गजब का निकला..साहब नदी किनारे पड़े पत्थरो के ऊपर ही चूना पोतकर सीमांकन की इतिश्री कर गए। न कहीं कोई पिल्लर, न तार बाड़...भई ऐसा गजब का सीमांकन तो होना ही था जब इस दौरान वन, सिंचाई, लोनिवि व खनन विभाग को सीमांकन की कार्रवाई की सूचना तक देना जरूरी नहीं समझा गया। बहरहाल इन दोनों ही स्थानों पर खनन शुरू हो गया हैं।इस खनन में नियमों का कितना पालन ?