उत्तराखंड: गांव के खेत में गुलदार और भालू के बीच खूनी संघर्ष, भालू की दर्दनाक मौत
चमोली जिले के धनपुर वन क्षेत्र के श्रीकोट बीट में सिन्द्रवाणी गांव में एक गुलदार और जंगली भालू के बीच जबरदस्त खूनी संघर्ष हुआ जिसमें भालू की मौत हो गई है।
May 8 2020 5:28PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
लॉकडाउन में जबसे मनुष्यों की आवाजाही बंद हुई है तबसे जानवरों का खौफ बहुत अधिक बढ़ गया है। ऐसे में जानवर खुलकर बाहर निकल रहे हैं और कई बार तो खुदकी जान को ही खतरे में डालते हैं। ऐसी ही एक घटना चमोली जिले के सिन्द्रवाणी गांव से आई है। चमोली जिले के सिन्द्रवाणी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। हाल ही में सिन्द्रवाणी गांव गुलदार और भालू के बीच खूनी संघर्ष का गवाह बना जिसमें गुलदार, जंगली भालू के ऊपर हावी हो गया और भालू ने दम तोड़ दिया। हादसे के बाद से गांव में हड़कंप मचा हुआ है। हादसे की जानकारी सिन्द्रवाणी गांव की ही एक महिला ने दी जो इस घटना को एकमात्र साक्षी बनीं। हिम्मती महिला ने तुरंत ही ग्राम प्रधान को इस घटना की जानकारी दी जिसके बाद वन विभाग को सूचित किया गया। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि घटना गुरुवार सुबह पौने 6 बजे की है। आगे पढ़िए..
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धनपुर वन क्षेत्र के श्रीकोट बीट में सिन्द्रवाणी गांव में एक महिला अपने खेतों में गेहूं काटने जा रही थी कि अचानक उन्होंने खेतों में गुलदार और भालू के बीच आपसी संघर्ष होते हुए देखा। इस भीषण लड़ाई की सूचना उन्होंने ग्राम प्रधान को दी। ग्राम प्रधान ने वन विभाग में इस बात की जानकारी दी जिसके बाद वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार गौड़ टीम सहित घटनास्थल पर पहुंचे। तब तक गुलदार भालू को मौत के घाट उतार कर जंगल की ओर भाग चुका था। पशु चिकित्साधिकारी द्वारा भालू का। पोस्टमार्टम कराया गया जिसके बाद वन विभाग की टीम द्वारा भालू का शव जला दिया गया है। मृत नर भालू की उम्र तकरीबन 4 साल है। इस भीषण संग्राम के बाद से सिन्द्रवाणी गांव में कोहराम मचा हुआ है और लोग बेहद डरे हुए हैं। गुलदार का हिंसात्मक रूप लेने के बाद गांव वालों की जान को भी खतरा है जिसके बाद सिन्द्रवाणी गांव में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं।