उत्तराखंड में गजब हो गया.. लोगों ने खाया पीया कुछ नहीं, बिल आया 4 लाख
जीएमवीएन ने अपने गेस्ट हाउस में रुके डॉक्टरों को करीब चार लाख रुपए का बिल थमा दिया है, ये चार लाख का बिल खाने का है, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने रिजॉर्ट में खाना खाया ही नहीं, इसलिए बिल नहीं भरेंगे...आगे पढ़िए पूरी खबर..
May 9 2020 8:42AM, Writer:कोमल नेगी
जीएमवीएन के गेस्ट हाउस मेहमानों की खातिरदारी और हाउस कीपिंग के लिए मशहूर हैं। यही वजह है कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद जीएमवीएन के गेस्ट हाउस होते हैं, लेकिन ऋषिकेश में डॉक्टरों की टीम के साथ यहां कुछ ऐसा हो गया, जिसके चलते ये लोग दोबारा जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में जाने से तौबा कर चुके हैं। मामला मुनिकीरेती क्षेत्र का है। यहां डॉक्टरों की टीम जीएमवीएन के गंगा रिजॉर्ट में रुकी थी। अब निगम प्रबंधन ने इन डॉक्टरों को करीब चार लाख रुपए का बिल थमा दिया है, ये चार लाख का बिल खाने का है, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने रिजॉर्ट में खाना खाया ही नहीं। दरअसल नरेंद्रनगर विकासखंड के डॉक्टरों की टीम को मुनिकीरेती क्षेत्र में ड्यूटी के लिए भेजा गया था। इस दौरान इन सभी को जीएमवीएन के गंगा रिजॉर्ट में ठहराया गया। इनके रहने-खाने का इंतजाम जीएमवीएन ने किया था। इस टीम में 70 डॉक्टर और फार्मासिस्ट शामिल हैं, जिनका काम मुनिकीरेती क्षेत्र में टिहरी जनपद के बॉर्डर और अन्य इलाकों में लोगों की स्वास्थ्य जांच करना था।
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इनके रहने के लिए टिहरी डीएम ने मुनि की रेती में गढ़वाल मंडल विकास निगम के गंगा रिजॉर्ट में इंतजाम किए हैं। 23 मार्च से टीम यहीं रह रही है। लेकिन अब निगम प्रबंधन डॉक्टरों से खाने के बिल के 4 लाख रुपये का भुगतान करने को कह रहा है। बिल की एक कॉपी डीएम को भी भेजी गई, डीएम ने भी कहा कि खाने का बिल डॉक्टर ही भरेंगे, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने रिजॉर्ट में खाना खाया ही नहीं, इसलिए बिल क्यों भरें। जबसे चार लाख का बिल मिला है डॉक्टरों की टीम बेचैन है। उन्होंने मामले में डीएम से कार्रवाई की मांग की है।