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उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों के लिए गुड न्यूज़, इस योजना को मंजूरी.. शुरू कीजिए अपना काम

हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में बाहरी राज्यों से लौटे हुए प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री ने स्वरोजगार की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को स्वीकृति देने के साथ ही त्रिवेंद्र सरकार फिर से आकर्षक के केंद्र में आ गई है।
May 9 2020 9:36AM, Writer:अनुष्का

वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन में बाहरी राज्यों से कई प्रवासियों ने राज्य में वापसी कर ली है। रिवर्स पलायन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की हमेशा से प्राथमिकता रहा है। भले ही लॉकडाउन से किसी को फायदा न हुआ हो, मगर उत्तराखंड के गांव में चहल-पहल लौट आई है। लोग बाहरी राज्यों से वापस उत्तराखंड के शहरों और गांव में लौट रहे हैं जो कि राज्य सरकार के लिए सुखद खबर है। लॉकडाउन के बाद से उत्तराखंड के 10 जिलों में तकरीबन 60 हजार से भी अधिक लोग अपने-अपने गांव की ओर रूख कर सकते हैं। इसी के साथ मौका देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर अपना मास्टरस्ट्रोक चल दिया है और रिवर्स पलायन कर चुके लोगों को रोकने के लिए एक योजना बना डाली है। जी हां, हाल ही में बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट बैठक हुई थी जिसपर बहुत लोगों की नजरें टिकी हुई थीं। वो इसलिए कि इस मीटिंग में राज्य से जुड़े कई फैसले लिए जाने थे। आखिरकार मीटिंग में रिवर्स पलायन कर चुके लोगों के लिए स्वरोजगार योजना को स्वीकृत कर लिया गया है।

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स्वरोजगार अर्थात खुद से शुरू किया जाने वाले व्यवसाय। इस योजना के तहत गांव लौटे प्रवासी अपने अनुभव के आधार पर मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के साथ छोटा व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। इसमें सरकार की ओर से 15 से 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। पहाड़ी क्षेत्रों और गांव में कारोबार करने पर 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी वहीं मैदानी क्षेत्रों में व्यवसाय करने पर 15 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इस स्वरोजगार योजना के अंतर्गत प्रवासी पशुपालन, मुर्गीपालन, डेयरी का व्यवसाय और 25 लाख तक का मैन्युफैक्चरिंग और 10 लाख तक के सर्विस सेक्टर के उद्योग लगा सकते हैं। बैंक के ऋण उपलब्ध होने के साथ ही तुरंत सब्सिडी मिल जाएगी। गांव की ओर रिवर्स पलायन कर चुके लोग अगर पशुपालन, डेयरी या कृषि करना चाहता है या फिर फूड प्रोसेसिंग या दूकान खोलना चाहता है तो उसे सरकार 15 से 25 प्रतिशत तक सब्सिडी मुहैया कराएगी।

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पहाड़ी क्षेत्रों में कारोबार करने पर सरकार 25 प्रतिशत सब्सिडी देगी वहीं मैदानी इलाकों में कारोबार करने पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। इसी के साथ 25 लाख से बड़े प्रोजेक्ट को एमएसएमआई में सब्सिडी मिलेगी। इस नीति के तहत लगने वाले उद्योगों के लिए 40 प्रतिशत तक सब्सिडी देने की व्यवस्था है। इस स्वरोजगार योजना के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 15 करोड़ का बजट तय किया है। ताकि रिवर्स पलायन कर चुके लोगों को तत्काल योजना का लाभ मिल सके। पलायन उत्तराखंड की सबसे बड़ी असफलता रही है। कितनी ही सरकारें आईं मगर पलायन की समस्या का हल नहीं निकाल पाईं। लॉकडाउन की वजह से यह सुनहरा अवसर सरकार को मिला है और त्रिवेंद्र सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा कर लोगों को गांव में ही रोकने का प्रयास कर रही है। सब्सिडी देने से फायदा यह होगा कि गांव में ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू होंगी और रोजगार बढ़ेगा। अगर मुख्यमंत्री का यह मास्टरस्ट्रोक सफल होता है तो राज्य सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।


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