उत्तराखंड में इस सड़क के बनने पर बौखलाया नेपाल, बॉर्डर पर पहुंचाए सैनिक!
लिपुलेख सड़क बनने से पड़ोसी देश नेपाल परेशान दिख रहा है। नेपाल भारतीय सीमा पर छांगरु में अपनी सेना को तैनात कर रहा है। सैनिकों को हेलीकॉप्टर से छांगरु पहुंचाया जा रहा है, आगे पढ़िए पूरी खबर
May 15 2020 4:48PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बनी लिपुलेख सड़क कैलाश मानसरोवर की यात्रा आसान करेगी। केवल यात्रा ही नहीं देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी ये सड़क खासी अहम है, लेकिन इस सड़क पर हमारे पड़ोसी मित्र देश की नजरें टेड़ी हो गई हैं। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक लिपुलेख सड़क बनने के बाद चीन के साथ-साथ अब नेपाल भी बौखलाया हुआ है। सड़क बनने के बाद से नेपाल ने भारत से सटे इलाकों में अपनी चौकसी बढ़ा दी है। नेपाल ने सीमा पर अपने सैनिक तैनात कर दिए हैं। आपको बता दें कि सीमा सड़क संगठन बीआरओ ने 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क बनाई है। इस अहम सड़क को पहाड़ काटकर बनाया गया है। पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में बनी लिपुलेख सड़क का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया था। लेकिन पड़ोसी देश नेपाल इस सड़क के बनने से परेशान दिख रहा है।
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नेपाल सरकार इससे पहले लिपुलेख और कालापानी को अपना बताते हुए सड़क निर्माण पर तीखा विरोध भी जता चुकी है। अब नेपाल भारत से सटी सीमा पर हेलीकॉप्टर से नेपाली सैनिक भेज रहा है। बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। नेपाल भारतीय सीमा पर छांगरु में अपनी सेना को तैनात कर रहा है। सैनिकों को हेलीकॉप्टर से छांगरु पहुंचाया जा रहा है, क्योंकि नेपाल में इस दुर्गम इलाके तक पहुंचने के लिए ढंग का रास्ता तक नहीं है। नेपाल ने सीतापुल के पास सशस्त्र प्रहरी के 25 और नेपाल प्रहरी के 9 जवान तैनात किए हैं। पहले छांगरु में नेपाल के सुरक्षा जवान सिर्फ 6 महीने के लिए आते थे, लेकिन अब यहाँ पर स्थायी चेकपोस्ट बना दी गई है। चेकपोस्ट पर तैनात जवान आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद पिथौरागढ़ के डीएम विजय जोगदंडे ने एसएसबी और धारचूला के एसडीएम से मामले की रिपोर्ट मांगी है, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।