उत्तराखंड: पहाड़ में बेपरवाह होकर घूम रहे हैं बाहर से आए लोग..लोगों में दहशत
अल्मोड़ा जिले में लौटे प्रवासियों को हर हाल में क्वारेंटीन अवधि पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन ये ऐसा कर नहीं रहे। प्रवासी खुलेआम बाजारों में घूम रहे हैं, जिससे लोग डरे हुए हैं...
May 17 2020 7:47PM, Writer:हरीश भंडारी
अल्मोड़ा में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों के लौटने का सिलसिला जारी है, लेकिन प्रवासियों का हर जगह स्वागत नहीं हो रहा। लोग इनसे नाराज भी हैं, इसके पीछे की वजह भी आपको बताते हैं। दरअसल जिले में लौटे प्रवासियों को हर हाल में क्वारेंटीन अवधि पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन ये ऐसा कर नहीं रहे। अल्मोड़ा के लोगों का कहना है कि बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वारेंटीन रहने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन ये ऐसा ना करके खुलेआम बाजारों में घूम रहे हैं। प्रवासियों में कोरोना संक्रमण के कई मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में अगर शहर में खुलेआम घूम रहे किसी प्रवासी में कोरोना संक्रमण हुआ तो दूसरे लोगों की जान भी आफत में पड़ जाएगी। जिले में अब तक दूसरे राज्यों से कितने प्रवासी लौटे हैं, ये भी बताते हैं। आगे देखिए वीडियो
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अल्मोड़ा में हरियाणा से 4078, पंजाब से 219, उत्तर प्रदेश से 69, राजस्थान से 173, महाराष्ट्र से 82, हिमाचल से 53 लोग लौटे हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ से 379, जम्मू-कश्मीर से 2, गुजरात से 287, दादर-हवेली से 1, कर्नाटक से 11 लोग लौटे हैं। इस तरह अब तक जिले में कुल 5394 प्रवासी आए हैं, लेकिन इनमें से कई लोग क्वारेंटीन नियमों का पालन नहीं कर रहे। हाल ही में व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील शाह ने इस संबंध में एडीएम से शिकायत की।
उन्होंने कहा कि बाहर से आए लोगों के खुलेआम बाजारों में घूमने से लोग डरे हुए हैं। इन लोगों पर नजर रखने के लिए एक निगरानी समिति बनाई गई है, लेकिन प्रशासन की तरफ से समिति को कोई गाइडलाइन नहीं दी गई। इसलिए वो भी समझ नहीं पा रहे कि प्रवासियों को कैसे समझाया जाए। जैसे मास्क नहीं लगाने पर चालान किए जा रहे हैं, वैसी ही सख्ती क्वारेंटीन को लेकर भी होनी चाहिए। वहीं डीएम नितिन भदौरिया ने कहा कि बाहर से आ रहे लोगों के लिए लोधिया बैरियर, मोतियापाथर, मोहान और भुजान में चेकपोस्ट बनाए गए हैं। संदिग्ध मरीजों को हॉस्पिटल में एडमिट किया जा रहा है, जबकि दूसरे प्रवासियों को होम क्वारेंटीन किया जा रहा है। होम क्वारेंटीन का पालन कराने की पूरी जिम्मेदारी एसडीएम को दी गई है।