image: Uttarkashi 84 old man returns home after 45 years

उत्तराखंड: 45 साल पहले लापता हुआ शख्स लॉकडाउन में गांव लौटा..पहाड़ में चर्चाओं का बाजार गर्म

उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के जेष्ठवाड़ी गांव में 45 साल की लंबी अवधि के बाद एक 84 वर्षीय वृद्ध वापस लौट आया। फिलहाल बुजुर्ग को राजकीय इंटर कॉलेज में पंचायत क्वारंटाइन कर दिया है।
May 18 2020 4:36PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के जेष्ठवाड़ी गांव में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। हो सकता है यह यह खबर आपको किसी फिल्म की कहानी की तरह लगे, मगर ऐसा उत्तराखंड में वाकई हुआ है। चिन्यालीसौड़ गांव का एक 84 वर्षीय व्यक्ति 45 साल की लंबी अवधि के बाद रविवार को अपने गांव वापस लौटा। 45 साल से लापता व्यक्ति को अचानक अपनी आंखों के सामने देख कर परिजनों के बीच हड़कंप मच गया। हालांकि परिवार को यह यकीन था कि बुजुर्ग की मृत्य नहीं हुई होगी मगर फिर भी 45 साल के बाद बुजुर्ग की घर वापसी से परिवार स्तब्ध रह गया। परिजनों का उनसे भावनात्मक लगाव खत्म हो चुका है और वह वृद्ध को मन से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल बुजुर्ग को राजकीय इंटर कॉलेज में पंचायत क्वारंटाइन कर दिया है। उनके खाने-पीने की व्यवस्था उनके परिजनों द्वारा की जा रही है। चलिए आपको पूरे मामले से अवगत कराते हैं। ग्राम जेष्ठवाड़ी के प्रधान अजय चौहान ने बताया कि उनके दादा सूरत सिंह चौहान 39 बरस की उम्र में घर छोड़ कर चले गए थे जब उनके पिता कल्याण सिंह की उम्र महज ढाई साल और उनके ताऊ जी त्रेपन सिंह की उम्र पांच साल थी। आगे पढ़िए

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उनके परिजनों द्वारा उनको बहुत ढूंढा गया मगर उनका सुराग तक नहीं मिला। शुक्रवार को तहसीलदार ने फोन करके उनके दादा के जिंदा होने की खबर दी। जब सूरत सिंह के परिजनों को उनके लौटने की खबर मिली तो उनको जरा भी खुशी नहीं हुई। सूरतसिंह चौहान की बीवी और प्रधान अजय की दादी को जब यह पता लगा उनके पति 45 साल बाद वापस आए हैं तो वह गुस्से से भर गईं। गुस्सा होना स्वाभाविक भी है। छोटे-छोटे बच्चों की जिम्मेदारी औरत के कंधे पर छोड़ कर कोई अचानक गायब हो जाए, और फिर 45 साल तक परिवार की कोई सुध न ले, ऐसे में तो किसी भी इंसान का हृदय पाषाण में तब्दील हो जाएगा। उनके परिजनों के दिल मे बुजुर्ग के लिए लेश मात्र भी प्रेम नहीं रह गया है। वहीं दूसरी ओर 84 वर्षीय वृद्ध ने बताया कि वह पिछले 45 सालों से जलंधर स्थित ब्यास के नजदीक एक गुरुद्वारे में रह रहे थे। लॉकडाउन के चलते वह हिमाचल प्रदेश के सोलन चले गए जहां से प्रशासन ने उनको उत्तरकाशी भेजने की व्यवस्था कर दी। फिलहाल बुजुर्ग क्वारंटाइन हो रखे हैं और उनके परिजनों द्वारा उनके खाने-पीने का ध्यान रखा जा रहा है।


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