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सीएम त्रिवेन्द्र के तीन फैसले, जिनकी हर जगह हो रही है तारीफ

इन तीन फैसलों की वजह से उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है।
May 22 2020 11:01PM, Writer:Komal negi

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी ईमानदार छवि के अनुरुप कुछ बोल्ड डिसीजन लिए तो फिजा एकदम बदल सी गई है। दरअसल सीएम ने कुछ बदनाम नौकरशाहों के पर कतरे और कुछ भ्रष्टाचार के आरोपियों पर गाज गिराई तो सोशल मीडिया में और सार्वजनिक तौर पर उनकी प्रशंशा होने लगी है। जमाना डिजिटल मीडिया का है, जहां तत्काल प्रतिक्रिया मिलती है, वहां भी उनकी सराहना हो रही है। मुख्यधारा का मीडिया भी मुख्यमंत्री के इन कड़े फैसलों की तारीफ कर रहा है।
नौकरशाही को लेकर दिया बड़ा संदेश
शुक्रवार को नौकरशाही के दायित्वों में हाल-फिलहाल का बड़ा फेरबदल किया गया। इस कड़ी में सबसे ताकतवर नौकरशाह कहे जाने वाले ओमप्रकाश के दायित्व कम किये गए। उनसे प्रदेश का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण लोक निर्माण विभाग छीन लिया गया। बता दें कि यह विभाग सीएम त्रिवेन्द्र के पास है। इससे पहले भी ओमप्रकाश के पास चिकित्सा शिक्षा और खनन जैसे बड़े महत्वपूर्ण विभाग थे जो पूर्व में ही वापस ले लिए गए थे। वहीं कोरोना संकट के इस दौर में एक तरह से परिदृश्य से गायब से लग रहे प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव रहे नितेश झा को भी मुख्यमंत्री ने किनारे कर दिया है।
भ्रष्टाचार के आरोपी पर गिराई गाज
शुक्रवार को एक और अहम फैसला हुआ। ये फैसला छत्रवृत्ति घोटाले के सूत्रधार कहे जाने वाले गीताराम नौटियाल को लेकर हुआ। दरअसल समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक रहे गीताराम नौटियाल को 2019 में निलंबित किया गया था। दो दिन पहले नौटियाल की गुपचुप की बहाली के आदेश जारी हो गए थे। शुक्रवार को ये आदेश अचानक निरस्त कर उनको सस्पेंड कर दिया गया। दरअसल नितेश झा की बेदह लचर कार्यशैली की वजह से भी मुख्यमंत्री पर ही सवाल खड़े हो रहे थे। इधर, गीताराम नौटियाल की बहाली के आदेश के बाद फिर जीरो टॉलरेंस पर सवाल उठने लगे थे।

ये तीन वो बड़े फैसले हैं जिनको मुख्यमंत्री के कड़े आदेश पर लिया गया बताया जा रहा है। आपको बता दें कि हाल ही में यूपी के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी की बद्रीनाथ यात्रा को लेकर पास जारी किए जाने के मामले में सरकार पर चारों ओर से उंगलियां उठी थी। ये पास अधिकारी ओमप्रकाश के आदेश पर जारी हुआ था। बार - बार यही बात उठती रही कि ओमप्रकाश के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
आखिर मुख्यमंत्री ने कड़े फैसले लेकर जनता के सामने ये मिसाल तो कायम कर ही दी कि वो किसी के दबाव में कभी न थे और समय आने पर वे कड़े फैसले लेने से नहीं चूकते। उक्त तीनों ही फैसलों को मुख्यमंत्री के बड़े फैसलों के तौर पर बताया जा रहा है और उनकी तारीफ की जा रही है
प्रवासियों के मामले भी मिल रही तारीफ
देश के विभिन्न भागों से ट्रेन और बसों के जरिये लगातार हजारों की संख्या में प्रवासी उत्तराखंड वापस लौट रहे हैं। केन्द्र सरकार से नियमों में राहत मिलते ही जिस तेजी के साथ ट्रेनों के लिए एक करोड़ किराया एडवांस में जमा करवा कर जो ट्रेनें चलवाई उसका भी एक बड़ा सकाकात्मक संदेश प्रदेश में गया है। आलोचक भी सीएम के इस मानवीय दृष्टिकोण की तारीफ कर रहे हैं।


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