उत्तराखंड: गांव के युवाओं ने हाथ में ली अपने गांव की सुरक्षा..खुद ही किया अपना गांव सील
चंपावत के कुछ गांवों में युवाओं ने वैश्विक महामारी कोरोना से अपने-अपने गांवों को बचाने की जिम्मेदारी ले ली है। उन्होंने गांव के मुख्य गेट पर बैरियर लगा दिए हैं।
May 25 2020 8:58PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड में जिस तरह के हालात बन रहे हैं वो किसी से भी छिपे हुए नहीं हैं। खौफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यह आगे और कितनी त्रासदी मचाएगा इसका किसी को अंदाजा नहीं है। मगर उत्तराखंड के सभी जिले अब ओरेंज जोन घोषित हो चुके हैं। ऐसे में इस वैश्विक महामारी से दूर रहने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों द्वारा काफी सावधानियां बरती जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस मामले में काफी जागरूकता दिखा रहे हैं। ऐसा ही कुछ चंपावत में देखने को मिला। उत्तराखंड के कई गांवों के निवासियों ने खुद के गांवों को पूरी तरह से सील कर दिया है। इसी कड़ी में चंपावत के निवासियों ने भी अपने गांव की सुरक्षा अपने हाथों में ले ली है और गांव में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। बता दें कि चंपावत में शनिवार को एक साथ 8 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। आगे पढ़िए
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7 केस आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया। ऐसे में कई गांवों में युवाओं ने गांव के मुख्य गेट पर बैरियर लगा कर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। चंपावत के युवक मंगल दल सुईं पऊ के युवाओं ने गलचौड़ा से गांव की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर बैरियर लगाकर बाहर से आने वाले व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। बाहर से आने वाले कई लोगों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। युवाओं ने ग्रामीणों से अपील की है कि रिश्तेदारों तक को गांव में न आने दें। यह वैश्विक महामारी का दौर है, ऐसे में एक छोटी सी गलती से काफी नुकसान हो सकता है। वहीं कुछ युवाओं ने राइकोट कुंवर को जाने वाले मुख्य मार्ग में बैरियर लगा दिया है। वहीं ग्राम प्रधान प्रदीप सिंह, वीरेंद्र सिंह, नारायण सिंह, मनोज आशीष आदि ने बताया कि बाजार जाने वाले गांव के वाहनों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। चंपावत के ग्रामीण लोगों ने अब अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं ही ले ली है जो कि सराहनीय है।