उत्तराखंड: लॉकडाउन में 7 साल बाद घर लौटा 4 बहनों का इकलौता भाई, भर आई सभी की आंखें
लॉकडाउन के दौरान जब लापता बेटा 7 साल बाद घर लौटा तो बूढ़ी मां की आंखों में आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। युवक चार बहनों का इकलौता भाई है...
May 28 2020 3:17PM, Writer:कोमल नेगी
ये कोरोना वायरस का दौर है। हर दिन कई तरह की खबरें और तस्वीरें सामने आती रहती हैं। कुछ दिल को झिंझोड़ देती हैं तो कुछ तस्वीरें सर्वोच्च सत्ता पर भरोसा और उम्मीद भी जगाती हैं। एक ऐसी ही तस्वीर उत्तरकाशी के बड़कोट से आई है। जहां लॉकडाउन के दौरान एक परिवार को पिछले 7 साल से खोया हुआ बेटा वापस मिल गया। लॉकडाउन के दौरान जब बेटा 7 साल बाद घर लौटा तो बूढ़ी मां की आंखों में आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। और बहनों की खुशी का तो पूछिए ही मत। युवक चार बहनों का इकलौता भाई है, 7 साल बाद जब भाई बहनों के सामने आया तो बहनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बताया जा रहा है कि युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। 7 साल पहले वो अचानक गायब हो गया था। घटना बड़कोट तहसील के घंडाला गांव की है। जहां एक परिवार में चार बेटियां और उनका इकलौता भाई दयाल सिंह रहता था। आगे पढ़िए
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23 साल की उम्र में दयाल सिंह अचानक कहीं चला गया। परिवार वाले उसे खोजते रहे, लेकिन दयाल सिंह के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया। परिवार वाले उसके मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। तभी 4 दिन पहले राजस्थान के श्रीगंगानगर से उत्तरकाशी पुलिस के पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि क्षेत्र में एक युवक घूमता हुआ मिला है। युवक कह रहा है कि वो उत्तरकाशी के बड़कोट का रहने वाला है। पुलिस ने ये सूचना ग्राम प्रधानों के वॉट्सएप ग्रुप में शेयर की। युवक की शिनाख्त होने के बाद उत्तराखंड पुलिस के दो कांस्टेबल विशाल और संजय राजस्थान गए और मानसिक रूप से दिव्यांग युवक को बड़कोट ले आए। युवक की मां सोना देवी ने बताया कि उनकी चार बेटियां है। दयाल उनका इकलौता बेटा है और चारों बहनों का लाडला भी। दयाल के पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है। दयाल सिंह के घर लौटने से परिवार में खुशी का माहौल है। फिलहाल युवक को गांव के पंचायत घर में क्वारेंटीन किया गया है।